एक ऐसा देश जहां 40 मिनट की रात होती है

जहां हमें रात के करीब 10 घंटे भी सोने के लिए कम लगते हैं वही इस देश में सूरज सिर्फ 40 मिनट के लिए ही डूबता है।
ऐसा देश जहां 40 मिनट की रात होती है
ऐसा देश जहां 40 मिनट की रात होती है Wikimedia
Published on
Updated on
3 min read

सुनकर ही कितना अजीब लगता है कि दुनिया में एक ऐसा देश भी मौजूद है जहां रात सिर्फ 40 मिनट की होती है। जहां हमें रात के करीब 10 घंटे भी सोने के लिए कम लगते हैं वही इस देश में सूरज सिर्फ 40 मिनट के लिए ही डूबता है। बात अगर अमीरी खूबसूरती की हो तो यह देश किसी अन्य देश से कम नहीं है।

इस देश में सूरज रात 12:43 पर छिपता है और 40 मिनट के अंतराल पर पुनः उग आता है। इस देश का नाम है नॉर्वे। जी हां नॉर्वे में सूरज आधी रात को छिपता है और करीब 1:30 बजे ही पंछी चहचाहने लगते हैं ऐसा साल में करीब ढाई महीने तक होता है और यही कारण है कि नॉर्वे (Norway) को "कंट्री ऑफ मिडनाइट सन (Country of Midnight Sun) " कहा जाता है।

ऐसा देश जहां 40 मिनट की रात होती है
जानें क्यों Facebook स्टाइल इमोजी पर Twitter काम कर रहा है ?

यदि कोई नॉर्वे की खूबसूरती को एक बार देख ले तो बस वह यहां का दीवाना बन कर रह जाए। यह दुनिया के अमीर मुल्कों में से एक है। यहां के लोग अपनी सेहत को लेकर बहुत सतर्क रहते हैं और हल्दी खाना ही खाते हैं। लेकिन इन सब बातों के बावजूद नॉर्वे की सबसे बड़ी खूबी उसकी प्राकृतिक सुंदरता है। यह देश आर्कटिक सर्कल के अंदर पड़ता है और साल में मई से जुलाई के बीच लगभग 76 दिन यहां सूरज अस्त नहीं होता इस घटना को वहां जाकर ही महसूस किया जा सकता है यह नॉर्वे के उत्तरी छोर पर मौजूद शहर हेमरफेस्ट में होती है।

यह देश दुनिया के एक छोर पर स्थित है और यह अपने आप में एक अनोखा मुल्क है इस देश में एक शहर ऐसा भी है जहां सूरज ने 100 साल से दर्शन नहीं दिए। इसकी वजह है इस शहर का चारों तरफ से पहाड़ों से घिरा होना इस समस्या का हल निकालने के लिए तो वहां के इंजीनीयर्स ने शीशे की मदद से नया सूरज बना दिया है और इस आर्टिफिशियल सूरज को एक पहाड़ी के ऊपर इस तरह लगाया गया है जिससे यह एक वास्तविक सूरज जैसा लगता है और इसकी रोशनी सीधे टाउन स्क्वायर पड़ती है।यही कारण है कि यह जगह लोगों को आकर्षित करती है।

नॉर्वे मानचित्र पर
नॉर्वे मानचित्र पर Wikimedia

इस घटना के कई वैज्ञानिक और खगोलीय कारण है। जैसा कि हम जानते हैं कि सूर्य अंतरिक्ष में स्थिर है और वह पृथ्वी है जो अपनी भ्रमण पथ पर 365 दिन में सूर्य का एक चक्कर पूरा करती है। इसी के साथ वह अपनी धुरी पर एक चक्कर 24 घंटे में पूरा कर लेती है। पृथ्वी और सूरज की इसी परिक्रमा के कारण दिन और रात होते हैं। दिन और रात की अवधि हमेशा बराबर नहीं रहती कभी दिन तो कभी रात बड़ी होती है। यह घटना पृथ्वी के अक्ष का झुकाव के कारण होती है वास्तव में पृथ्वी का कोई अक्ष नहीं होता जब पृथ्वी घूमती है तो एक बिंदु उत्तर में और दूसरा बिंदु दक्षिण में होता है। यदि इन दोनों बिंदुओं को एक सीधी रेखा से जोड़ दिया जाए तो एक धुरी बनेगी बिल्कुल एक साइकिल के पहिए की धुरी जैसे जिन पर वह घूमते हैं।

पृथ्वी का अक्ष सीधा नहीं होता बल्कि 23 डिग्री तक चुका होता है इसी के कारण दिन रात छोटे बड़े होते रहते हैं। 22 दिसंबर और 21 जून दो ऐसी तारीख है जिनमें पृथ्वी के धुरी के झुकाव के कारण सूरज की रोशनी धरती पर समान भागों में नहीं फैलती है।

बात करें नॉर्वे कि मिडनाइट सन वाली घटना की तो इसका संबंध 21 जून वाली स्थिति से हैं। इस दिन धरती का पूरा हिस्सा सूरज की रोशनी में रहता है 66 डिग्री उत्तरी अक्षांश से लेकर 90 डिग्री उत्तरी अक्षांश तक मतलब यहां 24 घंटे दिन रहता है। नॉर्वे की विचित्र घटना का कारण यही है इसीलिए आप रात के वक्त में भी यहां सूरज उगता हुआ देख पाते हैं।

(PT)

Related Stories

No stories found.
logo
hindi.newsgram.com