पेन्सिलवेनिया यूनिर्वसिटी(University of Pennsylvania) में कानून की प्रोफेसर एमी वैक्स(Amy Wax) ने एक राष्ट्रीय रूढ़िवादी टॉक शो में उन लोगों के खिलाफ कई भड़काऊ टिप्पणियां कीं, जो अमेरिका के आलोचक हैं। फिलाडेल्फिया इन्क्वायरर की रिपोर्ट में ये कहा गया है। वैक्स ने एक राजनीतिक टिप्पणीकार टकर कार्लसन से कहा, "पश्चिमी देशों के लोगों के योगदान के लिए पश्चिमी लोगों के खिलाफ गैर-पश्चिमी लोगों की नाराजगी शर्म की बात है।"
"यह वास्तव में असहनीय है।"
वैक्स ने एशियाई और दक्षिण एशियाई भारतीय डॉक्टरों की आलोचना की। उन्होंने कहा, ये लोग नस्लवाद विरोधी पहल करने यहां चले आते हैं।" उन्होंने खास कर भारत की ब्राह्मण महिलाओं को निशाना बनाया।
"समस्या यहां है," उन्होंने कहा, "उन्हें सिखाया जाता है कि वे हर किसी से बेहतर हैं क्योंकि वे ब्राह्मण हैं और फिर भी उनका देश गंदा है.. उन्हें पता है कि हमने उन्हें हर तरह से पछाड़ दिया है.. इससे वे क्रोधित महसूस करते हैं, ईष्र्या महसूस करते हैं, शर्म महसूस करते हैं.. यह बहुत खराब स्तर की कृतघ्नता पैदा करता है।"
यूनिवर्सिटी की एक लॉ टीचर नील मखीजा ने कहा, "यह बहुत दुख की बात है। देश के सबसे अच्छे लॉ स्कूलों में से एक की ये प्रोफेसर मूर्ख है।"
लेकिन, उन्होंने कहा कि वैक्स एक बात के बारे में सही हैं – अमेरिका में रहने वाले भारतीय लोग नस्लीय समानता की परवाह करते हैं।
वैक्स सालों से अपने बयानों से लोगों को भड़काती रही हैं। उन्होंने काले रंग के छात्रों की शैक्षणिक क्षमता पर सवाल उठाया, और कहा कि अमेरिका तब बेहतर होगा जब एशिया से कम लोग यहां आएंगे। फिलाडेल्फिया इन्क्वायरर ने बताया कि यूनिवर्सिटी ने पहले भी उनके बयानों की निंदा की है, और 2018 में उन्हें पढ़ाने से हटा दिया था, लेकिन अकादमिक स्वतंत्रता का हवाला देकर फिर उन्हें रख लिया गया।
आईएएनएस(DS)