पंचकोसी मार्ग (Wikimedia Commons) 
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वाराणसी में 108 मंदिरों का किया जाएगा जीर्णोद्धार, पंचकोसी मार्ग को भी दिलाई जाएगी अंतराष्ट्रीय मान्यता

NewsGram Desk

सनातन धर्म(Eternal Religion) में पंचकोसी यात्रा(Panchkosi Yatra) का अपना बहुत बड़ा महत्व है। काशी के ज्योतिर्लिंगकार परिक्रमा पथ पर यात्रा की विशेष मान्यता है। प्रदेश की योगी सरकार(Yogi Government) इस परिक्रमा पथ को अंतराष्ट्रीय मान्यता(International Recognition) दिलाने के लिए इसके आस-पास के मंदिर, कुंड और यात्री निवास का सुंदरीकरण करने जा रही है। लगभग 70 किलोमीटर के इस मार्ग पर रोज़गार के नए अवसर उत्पन्न होंगे। काशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रोफेसर रामनारायण द्विवेदी ने एक समाचार एजेंसी से कहा की इस यात्रा के पांच पड़ाव हैं, कंदवा, भीमचंडी, रामेश्वर, पांचों पांडव व कपिलधारा। पांच दिन की यात्रा में एक-एक दिन रात्रि विश्राम का विधान है। पंचकोसी यात्रा की ख़ास बात यह है की इस मार्ग पर सभी धार्मिक स्थान दाहिने तरफ हैं।

योगी आदित्यनाथ की सरकार ने पंचकोसी यात्रा आसान करने के लिए इस मार्ग के सम्पूर्ण विकास की योजना बनाई है। इससे लोग साल भर इस यात्रा को कर सकेंगे और इससे उनको इसका महत्व पता चलेगा।

सरकार पंचकोसी मार्ग पर कई तरह के आयोजनों के करने की योजना बनाई है, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार और नए व्यवसाय के अवसर मिलेंगे। इससे वेलनेस सेंटर, रिसॉर्ट, होटल के अलावा पर्यटन सम्बंधित व्यवसाय को गति मिलेगी।

वाराणसी विकास प्राधिकरण(Varanasi Development Association) की उपाध्यक्ष ईशा दुहन ने बताया कि इस यात्रा के दौरान 108 मुख्य मंदिरों, 44 धर्मशाला ( तीर्थयात्री आश्रयों या रात्रि विश्राम) और कुंड पड़ते हैं। कुओं और चौपाल संरचनाओं का जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण कराया जाएगा। पड़ावों में ऐतिहासिक महत्व के सभी कुंडों को सजाया संवारा जाएगा। खुले स्थान या कथा स्थल में उद्यानों को लैंडस्केपिंग के माध्यम से खूबसूरत बनाया जाएगा। पड़ावों या मंदिरों के आसपास अस्थायी आश्रयों या बैठने की सुविधाओं का विकास होगा, जिससे श्रद्धालुओं को आरामदायक जगह मिलेगी।

वाराणसी में प्रदेश की योगी सरकार पंचकोसी मार्ग और 108 मंदिरों का जीर्णोद्धार करने जा रही है। (Wikimedia Commons)

इसके अलावा पंचकोसी तीर्थ श्रद्धालुओं को मार्ग पर साइनेज मिलेगा, जो उनको रास्ता दिखाएगा। पंचकोसी मार्ग के सभी धार्मिक स्थलों पर और पड़ाव पर उससे सम्बंधित पूरी जानकारी लिखी होगी। इसके अलावा बाहर से पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को वाराणसी में आते ही पंचकोसी मार्ग की जानकारी रेलवे स्टेशन, बस स्टॉप समेत कई जगह मिलेगी।

राज्य पुरातत्व विभाग के माध्यम से उच्च स्थापत्य और पुरातात्विक मूल्य वाले सभी मंदिरों के संरक्षण की पहल होगी। पंचकोसी यात्रा के लिए विरासत प्रबंधन योजना तैयार होगी और पैदल यात्रा अनुकूल मार्ग का विकास किया जाएगा।

वीडीए की उपाध्यक्ष ने बताया कि इस योजना के लिए शासन को डीपीआर भेजा जा चुका है। अनुमति मिलते ही काम शुरू हो जाएगा। ये योजना तीन चरणों में पूरी होगी। योगी सरकार इसके लिए 55.93 करोड़ खर्च कर रही है। पहला चरण 9.92 करोड़ में, दूसरे चरण में 23.86 करोड़ और तीसरे चरण में 22.15 करोड़ से धार्मिक स्थलों व रिवर फ्रंट का जीर्णोद्धार और विकास का काम होगा।

Input-IANS ; Edited By- Saksham Nagar

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