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26/11 हमले के बाद यूपीए सरकार को पाकिस्तान पर कार्रवाई करनी चाहिए-मनीष तिवारी

NewsGram Desk

यह पहली बार नहीं है जब हमने कांग्रेस नेताओं को अपने ही पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठाते देखा है। ताज़ा मामला कांग्रेस(Congress) नेता मनीष तिवारी से जुड़ा है जिन्होंने अपनी किताब में 26/11 हमले(26/11 Attacks) में तत्कालीन यूपीए सरकार(UPA Government) पर सवाल उठाये हैं। यह किताब आधिकारिक तौर पर मुंबई हमलों की बरसी यानी 2 दिसंबर को रिलीज़ होगी।

किताब के एक अंश में कहा गया है, "जिस राज्य में सैकड़ों निर्दोष लोगों की बेरहमी से हत्या करने में कोई बाध्यता नहीं है, उसके लिए संयम शक्ति का संकेत नहीं बल्कि कमजोरी का प्रतीक है। एक समय आता है जब कार्रवाई को शब्दों से ज्यादा बल देना चाहिए। 26/11 एक ऐसा समय था जब इसे किया जाना चाहिए था। इसलिए मेरा यह विचार है कि भारत को 9/11 के बाद के दिनों में प्रतिक्रिया देनी चाहिए थी।"

मनीष तिवारी(Manish Tewari) ने ट्वीट करते हुए लिखा, "यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि मेरी चौथी पुस्तक जल्द ही बाजार में आएगी। '10 फ्लैश प्वाइंट, 20 साल-राष्ट्रीय सुरक्षा की स्थितियां जिसने भारत को प्रभावित किया'। यह पुस्तक पिछले दो दशकों में भारत के द्वारा सामना किए गए सभी प्रमुख राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौती के रूप का वर्णन करती है।"

यूपीए-2 सरकार में मंत्री रहे मनीष तिवारी ने कहा की मुंबई हमलों पर उस समय की तत्कालीन सरकार को पकिस्तान पर कार्रवाई करनी चाहिए थी, लेकिन उन संयम दिखाया जोकि ताकत का संकेत नहीं है।

मनीष तिवारी का इस तरह होने पूर्व शासन पर सवाल उठाना भाजपा को मसाला देख सकता है जिसका एक बिंदु पुलवामा हमले के बाद बालाकोट एयर स्ट्राइक होगा।

इस महीने यह पहला वाकिया नहीं है जब कांग्रेस किसी किताब को लेकर विवादों में आई हो। इससे पहले पूर्व कानून मंत्री सलमान खुर्शीद(Salman Khurshid) ने अपनी किताब में हिंदुत्व(Hindutva) की तुलना आईएसआईएस से कर दी थी जिसके कारण कांग्रेस की बहुत किरकिरी हुई थी।

पुस्तक में तिवारी ने तालिबान का भी ज़िक्र किया है उन्होंने लिखा है, "पिछले दो दशकों में भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चुनौतियां जटिलता और तीव्रता दोनों में बढ़ गई थीं।"

इस सप्ताह, राष्ट्र 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों की 13वीं वर्षगांठ मनाएगा, जिसने 2008 में तीन दिनों के लिए देश की वाणिज्यिक राजधानी को पंगु बना दिया था, जिसमें 160 से ज्यादा लोग पाकिस्तान के आतंकवादियों द्वारा मारे गए थे।

सुरक्षा बलों को तीन दिनों तक अभियान चलाना पड़ा और ताज से 300, ट्राइडेंट से 250 और नरीमन हाउस से 60 लोगों (12 अलग-अलग परिवारों के सदस्य) को बचाया गया।

Input-IANS ; Edited By- Saksham Nagar

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