By: आनंद सिंह
सेना भर्ती घोटाले को लेकर सेना द्वारा की गई आंतरिक जांच में पाया गया है कि अधिकारियों ने दिसंबर 2020 में कथित तौर पर राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) के सेवा चयन बोर्ड (एसएसबी) के लिए उम्मीदवारों को पैसे के बदले में मंजूरी दे दी। सीबीआई ने इस साल 13 मार्च को अतिरिक्त महानिदेशालय, अनुशासन और सतर्कता, एडजुटेंट जनरल की शाखा, रक्षा मंत्रालय के एकीकृत मुख्यालय (सेना), डीएचक्यू पीओ, नई दिल्ली की ओर से एक शिकायत पर मामला दर्ज किया था। सीबीआई ने लेफ्टिनेंट कर्नल, मेजर, नायब सूबेदार, सिपाही आदि सहित 17 सैन्य अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। यह कार्रवाई सेवा चयन बोर्ड (एसएसबी) के माध्यम से अधिकारियों और अन्य रैंकों की भर्ती में रिश्वत और अनियमितताओं से संबंधित आरोपों पर की गई है।
अधिकारी ने कहा कि तलाशी के दौरान कई गुप्त दस्तावेज जब्त किए गए हैं। अधिकारी ने कहा कि तलाशी के दौरान बरामद दस्तावेजों की छानबीन की जा रही है। सीबीआई ने बेस अस्पताल दिल्ली छावनी में तैनात नायब सूबेदार कुलदीप सिंह, लेफ्टिनेंट कर्नल एमवीएसएनए भगवान, आर्मी एयर डिफेंस कॉर्प्स (छुट्टी पर) विशाखापट्टनम, मेजर भावेश कुमार, ग्रुप टेस्टिंग ऑफिसर, 31 एसएसबी सिलेक्शन सेंटर नॉर्थ, कपूरथला के अलावा कई वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। दरअसल, केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने सेना में अफसरों की भर्ती में कथित भ्रष्टाचार को लेकर एक बड़ी कार्रवाई करते हुए सोमवार को 17 अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज करने के अलावा कई राज्यों में 30 स्थानों पर तलाशी ली थी।
जिन अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, उनमें छह लेफ्टिनेंट कर्नल, एक मेजर, एक नायब सूबेदार और एक हवलदार व उनके परिवार के सदस्य शामिल हैं। सेना के सूत्रों के अनुसार, यह पता चला है कि दिल्ली छावनी के बेस अस्पताल में तैनात नायब सूबेदार कुलदीप सिंह ने पैसे के बदले में लेफ्टिनेंट कर्नल एमवीएसएनए भगवान से एसएसबी पास करने में सहायता मांगी। सूत्र ने आगे कहा कि सिंह ने एसएसबी में बेटे के चयन के लिए हवलदार पवन कुमार से भी धनराशि स्वीकार की। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इस एवज में कितनी धनराशि दी गई। लेफ्टिनेंट कर्नल भगवान वर्तमान में विशाखापत्तनम में अध्ययन अवकाश (स्टडी लीव) पर हैं।
सेना में भर्ती के लिए ली गई थी रिश्वत।(Wikimedia Commons)
सूत्र ने यह भी कहा कि लेफ्टिनेंट कर्नल भगवान को इस साल 26 फरवरी को पासिंग आउट परेड के एक वीडियो फुटेज में नायब सूबेदार कुलदीप सिंह से एक पैकेज लेते हुए भी देखा गया था। सूत्र ने उत्तर कपूरथला के लेफ्टिनेंट कर्नल सुरेंद्र सिंह (रेजिमेंट ऑफ आर्टिलरी) सेवा चयन केंद्र की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सुरेंद्र सिंह ने कथित तौर पर 10-15 उम्मीदवारों के चयन के लिए रिश्वत स्वीकार की और उनके बैंक खाते में हवलदार पवन कुमार के बेटे नीरज कुमार से एक लाख रुपये प्राप्त हुए।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि दिल्ली में सुरेंद्र सिंह के बहनोई भूपेंद्र बजाज को 10-15 उम्मीदवारों के चयन के लिए एक अज्ञात राशि भेजी गई थी। भगवान पर यह भी आरोप है कि उन्होंने लेफ्टिनेंट नवजोत कंवर के चयन के लिए अघोषित नकद राशि स्वीकार की। सूत्र ने बताया कि कुलदीप सिंह के खाते में 5 लाख रुपये बैंकिंग चैनलों के माध्यम से स्थानांतरित किए गए, जबकि 4.5 लाख रुपये बैंकिंग चैनलों के माध्यम से प्रगति को हस्तांतरित किए गए, जो कुलदीप सिंह की दोस्त हैं। सूत्र ने आगे आरोप लगाया कि बेंगलुरू में सेना सेवा कोर सेंटर में तैनात हवलदार पवन कुमार ने लेफ्टिनेंट कर्नल भगवान और नायब सूबेदार कुलदीप सिंह को एनडीए-146 कोर्स में उनके बेटे के चयन के लिए रिश्वत दी।(आईएएनएस-SHM)