बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) ने कृषि विकास के लिए एक रोडमैप तैयार करने के लिए 'फाउंडेशन फॉर एडवांसमेंट ऑफ एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट' (फार्ड) नामक एक एनजीओ के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है। समझौते के तहत बीएचयू प्रोजेक्ट-ट्रेनिंग प्रोग्राम, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और ग्रामीण विकास के अन्य आउटरीच प्रोग्राम की शुरुआत करेगा।
बीएचयू के प्रवक्ता राजेश सिंह ने कहा कि समझौते के बाद बीएचयू अपनी प्रयोगशाला और इंस्टीट्यूशन ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज के अन्य बुनियादी ढांचे के साथ फार्ड के साथ मिलकर खेती क्षेत्र के लिए भविष्य के लिए रोडमैप विकसित करेगा।
बीएचयू के कृषि पाठ्यक्रमों में छात्र, फार्ड समर्थित प्रगतिशील किसानों के स्थानों का दौरा करेंगे। इससे किसानों का आधारभूत सर्वेक्षण तैयार करने में मदद मिलेगी।
फार्ड साल 2005 से किसानों के लिए विभिन्न तकनीकी और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। यह 18 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को तकनीकी सहायता प्रदान कर रहा है और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए पूर्वी उत्तर प्रदेश के अन्य किसान समूहों को भी सेवाएं प्रदान कर रहा है।
वर्तमान में फार्ड भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ वेजीटेबल रिसर्च (आईआईवीआर) के सहयोग से बायोटेक्नोलोजी विभाग के बायोटेक किसान परियोजना के तहत किसानों को उन्नत बीज उपलब्ध कराने में, कृषि-निर्यात को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम और तकनीकी प्रदर्शन का आयोजन करने में जुटा है।(आईएएनएस)