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संयुक्त राष्ट्र द्वारा तिब्बत के मानवाधिकारों का पालन ना करने पर चीन को पड़ी फटकार

NewsGram Desk

मंगलवार को केंद्रीय तिब्बत प्रशासन (सीटीए) ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 48वें सत्र में विश्व संस्था के सदस्य देशों के एक समूह ने चीन से तिब्बत मे मानवाधिकारों का सम्मान करने कि मांग की है। सीटीए पोस्ट के अनुसार 26 सदस्य देशों की ओर से डेनमार्क, जर्मनी, नीदरलैंड, स्वीडन, स्विटजरलैंड, अमेरिका और यूरोपीय संघ (ईयू) के प्रतिनिधियों ने चिंता व्यक्त की है और चीन से तिब्बत, शिनजियांग और हांगकांग में मानवाधिकारों का सम्मान करने का आह्वान किया है।

मानवाधिकार की स्थिति पर एक बयान देते हुए अमेरिका ने चीन द्वारा आर्थिक शोषण, व्यवस्थित जातिवाद और सांस्कृतिक विरासत के विनाश सहित मानवाधिकारों के उल्लंघन की कड़ी निंदा की। तिब्बत में धार्मिक, भाषाई और सांस्कृतिक परंपराओं पर चीन के गंभीर प्रतिबंधो को लेकर अमेरिका ने अपनी चिंता व्यक्त की है। फ्रांस ने 26 सदस्य देशों की ओर से, यूरोपीय संघ में बयान दिया, जिसमें चीन से अल्पसंख्यकों वर्ग से संबंधित व्यक्तियों के अधिकारों सहित मानवाधिकारों का मान सम्मान और रक्षा करने के लिए, विशेष रूप से तिब्बत के झिंजियांग और मंगोलिया में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत अपने दायित्वों का पालन करने के लिए कहा गया। डेनमार्क ने तिब्बतियों के रिपोर्टर को लेकर मानवाधिकारों के उल्लंघन के बारे में अपनी गहरी चिंता व्यक्त की।

तिब्बत में चीन नहीं पालन कर रहा है मानवाधिकार नियम।(Pixabay)

इसी तरह की चिंताओं से संबंधित, जर्मन प्रतिनिधि ने कहा कि वह तिब्बत में व्यवस्थित मानवाधिकारों के उल्लंघन के बारे में गंभीर रूप से चिंतित है। नीदरलैंड ने चीन द्वारा मानवाधिकारों के उल्लंघन के बारे में गंभीर चिंताओं को नोट किया, जिसमें प्रेस की स्वतंत्रता, तिब्बत में धर्म और विश्वास की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध शामिल हैं। स्विट्जरलैंड ने चीन द्वारा अल्पसंख्यकों को मनमाने ढंग से हिरासत में रखने की निंदा की और चीन से तिब्बती लोगों के अधिकारों का सम्मान करने का आह्वान किया और कहा कि चीन को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करना चाहिए।

इसी तरह सभी देश सहित स्वीडन के प्रतिनिधि ने तिब्बत सहित अल्पसंख्यकों, मानवाधिकार रक्षकों और मीडिया कर्मियों से संबंधित व्यक्तियों को निशाना बनाकर चीन द्वारा मानवाधिकारों के उल्लंघन पर चिंता व्यक्त किया। ब्रिटेन, फिनलैंड और नॉर्वे के प्रतिनिधियों ने भी चीन द्वारा मानवाधिकारों के उल्लंघन पर निराशा जताते हुए अपनी चिंता व्यक्त की है। सभी 26 सदस्य देशों ने चीन को फटकार लगाते हुए उसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानवाधिकारों का सम्मान करने की सलाह दी।

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