ईस्ट एशिया ब्यूरो के प्रमुख सेड्रिक अल्वियानी ने कहा कि झांग चीन में बढ़ते सरकारी दमन और नियामक प्रतिबंधों के बीच साहसिक पत्रकारिता का प्रतीक बन गईं हैं।(Wikimedia commons)  
ब्लॉग

वुहान की असलियत सामने लाने वाली चीनी पत्रकार झांग झान प्रेस स्वतंत्रता पुरस्कार के लिए नामित

NewsGram Desk

चीनी पत्रकार झांग झान को रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (आरएसएफ) ने प्रेस स्वतंत्रता पुरस्कार के लिए नामित किया है। सोमवार को अपने नामांकन में, आरएसएफ ने कहा कि झांग ने वुहान की सड़कों और अस्पतालों से अपनी वीडियो रिपोर्ट को लाइवस्ट्रीम करने और कोविड-19 रोगियों के परिवारों के उत्पीड़न को दिखाने के लिए 'अधिकारियों से लगातार धमकियों' का सामना किया था।

बता दें, इस महिला पत्रकार ने कोविड-19 महामारी के शुरुआती हफ्तों में वुहान से साहसपूर्ण रिपोर्टिग की थी। लेकिन चीन की कम्युनिस्ट तानाशाही सरकार ने अपना तानाशाही रवैया अपनाते हुए झांग को जेल में डाल दिया। जिसके बाद उसकी रिहाई के लिए अपील की गई है। द गार्जियन की रिपोर्ट में कहा गया है कि पूर्व वकील से नागरिक पत्रकार बनीं झांग को पिछले साल दिसंबर में 'झगड़ा मोल लेने और परेशानी पैदा करने' का दोषी ठहराया गया था।

पत्रकारिता कर रहे लोगों के लिए प्रेरणास्रोत हैं झांग झान(Wikimedia commons)

रिपोर्ट के अनुसार, "उनकी रिपोर्टिग उस समय वुहान में स्वास्थ्य की स्थिति के बारे में स्वतंत्र जानकारी के मुख्य स्रोतों में से एक थी, जिसे सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से साझा किया गया।" इसके अलावा रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि," झांग झान चीनी लोगों की आशा का प्रतिनिधित्व करती हैं। वह पत्रकारिता कर रहे लोगों के लिए प्रेरणास्रोत हैं। चीनी लोग पृथ्वी पर हर व्यक्ति और उनके आसपास क्या हो रहा है, इस बारे में जानकारी चाहते हैं।"

जानकारी के अनुसार झांग को चार साल जेल की सजा सुनाई गई है। वह मई 2020 में अपनी प्रारंभिक गिरफ्तारी के बाद से ही नजरबंद हैं और भूख हड़ताल पर भी हैं। पिछले हफ्ते, उसके परिवार ने कहा कि 38 वर्षीय झांग 'मौत के करीब' पहुंच गई हैं। उसके बाद उनकी तत्काल रिहाई के लिए वैश्विक अपीलों की संख्या बढ़ गई। पिछले हफ्ते, शंघाई में रहने वाले झांग के भाई ने ट्विटर पर कहा कि वह गंभीर रूप से कमजोर दिख रही थीं और 'ज्यादा समय तक नहीं जी सकतीं'। उन्होंने कहा कि झांग लगभग 5 फीट 10 इंच (177 सेमी) लंबी हैं और उनका वजन केवल 40 किलोग्राम है।

Input : आईएएनएस ; Edited by Lakshya Gupta

न्यूज़ग्राम के साथ Facebook, Twitter और Instagram पर भी जुड़ें!

भगवान जगन्नाथ का रथ खींचती हैं जो रस्सियाँ, उनके पीछे छिपी है एक आदिवासी समाज!

मोहम्मद शमी को कोर्ट से बड़ा झटका : पत्नी-बेटी को हर महीने देने होंगे 4 लाख रुपये !

जिसे घरों में काम करना पड़ा, आज उसकी कला को दुनिया सलाम करती है – कहानी दुलारी देवी की

सफलता की दौड़ या साइलेंट स्ट्रगल? कोरिया में डिप्रेशन की असली वजह

जहां धरती के नीचे है खजाना, वहां ऊपर क्यों है गरीबी का राज? झारखंड की अनकही कहानी