ब्लॉग

दिल्ली के ‘खान मार्केट’ में रौनक तो है पर ग्राहक नहीं

NewsGram Desk

राजधानी की सबसे पॉश माने जाने वाले खान मार्केट में फेस्टिवल सीजन में रौनक दिखने लगी है। लेकिन विदेशी राजनयिकों और राजनेताओं के इस प्रिय बाजार में अभी तक ग्राहक गायब है। दीवाली को कुछ ही दिन शेष हैं लेकिन दुकानदारों की मानें तो इस बाजार पर फेस्टिवल सीजन का कोई असर नहीं होता है।

खान मार्केट ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संजीव मेहरा ने आईएएनएस को बताया, कोरोना का प्रभाव सभी मार्केटों में है लेकिन दूसरे मार्केट के मुकाबले यहां कम है। लेकिन सरकार की तरफ से कोरोना को लेकर जब बयान आते हैं तो लोगों में डर बैठ जाता है। जिसकी वजह से ग्राहक बाहर निकलना बंद कर देते हैं। यही कारण है कि मार्केट में आज भीड़ कम है और ग्राहक बाहर निकल कर नहीं आ रहे हैं।

उन्होंने बताया, करीब 15 दिन पहले इस बाजार में अच्छा फुटफॉल था और लोग खरीददारी भी कर रहे थे। लेकिन डर की वजह से कम हो गया। हम उम्मीद करते हैं कि फेस्टिवल सीजन में शायद कुछ व्यापार और लोगों की आवाजाही में इजाफा हो।

हालांकि इस बाजार में कुछ दुकानें ऐसी भी थी जो कि कोविड की वजह से खाली करनी पड़ गई। लेकिन आज की तारीख में खाली हुई सभी दुकानों में नई दुकाने खुल चुकीं हैं। दरअसल जिस जगह आज खान मार्केट है वहां कभी बाजार के नाम पर चंद दुकानें हुआ करती थीं। जिसे बैरक मार्केट कहा जाता था।

दिल्ली का खान मार्केट। (Wikimedia Commons)

आजादी के पहले सुजान सिंह पार्क में ब्रिटिश सेना के जवान रहते थे। इनकी तादाद ज्यादा होने के कारण रोजमर्रा की जरूरतों का सामान उपलब्ध कराने वाली कुछ दुकानें यहां खुल गई थीं। ये दुकान सैनिकों को राशन-पानी आदि उपलब्ध कराती थीं। इसलिए इसे लोग इसे बैरक मार्केट ही कहते थे।

खान मार्केट में लेडीस कपड़े बेचने वाले दुकानदार सुनील जैन ने आईएएनएस को बताया, इस बाजार में फेस्टिवल सीजन का इतना प्रभाव नहीं पड़ता क्योंकि ये एक लोकल मार्केट है। ग्राहक खरीदारी के लिए बहुत कम आ रहे हैं वहीं फुटफॉल भी कम है।

उन्होंने आगे कहा, अनलॉक से पहले जो भीड़ हुआ करती थी उसका 10 फीसदी भी नहीं है। उम्मीद ही लगाए बैठे हुए हैं। लेकिन जब तक कोरोना का डर खत्म नहीं होगा तब तक भीड़ में इजाफा नहीं होगा।

दरअसल खान मार्किट दिल्ली के सबसे महंगी मार्केट में आता है और अक्सर इस मार्केट में राजनेताओं और बड़ी हस्तियों का आना जाना लगा रहता है। जिसकी वजह से इसका असर ज्यादा दिख रहा है। हालांकि लोगों का आना जाना अभी भी बना हुआ है लेकिन दुकानों पर लोग अपने हिसाब से खरीदारी कर रहे हैं। कुछ दुकानदारों का ये भी मानना है कि लोगों ने अपनी लाइफस्टाइल को चेंज कर लिया है।

खान मार्केट में कुछ कपड़े बेचने वाले दुकानदार फोन पर गेम खेलते हुये भी नजर आते हैं। उनके मुताबिक व्यापार बिल्कुल नहीं है। ग्राहक आते हैं और कपड़े देख कर चले जाते हैं, कोई खरीदना पसंद ही नहीं कर रहा है।(आईएएनएस)

डॉ. मुनीश रायज़ादा ने बिजली के बढ़े हुए बिलों के मुद्दे को हल करने में विफल रहने के लिए आप सरकार की आलोचना की

भारतीय लिबरल पार्टी (बीएलपी) दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में सभी 70 विधानसभाओं पर चुनाव लड़ेगी

कभी रहे खास मित्र, अब लड़ रहे केजरीवाल के खिलाफ चुनाव। कौन हैं मुनीश रायज़ादा?

नई दिल्ली विधानसभा (AC - 40) से केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे डा मुनीश रायज़ादा

भारतीय लिबरल पार्टी (बीएलपी) के अध्यक्ष डॉ. मुनीश रायज़ादा ने शहर में प्रदूषण के मुद्दे को हल करने में विफलता के लिए आप सरकार को ठहराया जिम्मेदार।