केंद्र सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) ने विज्ञान ज्योति और एंगेज विद साइंस (विज्ञान प्रसार) को आगे बढ़ाने की दिशा में काम शुरू किया है। ताकि युवाओं में वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा दिया जाए। विज्ञान प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (एसटीईएम) में मेधावी लड़कियों की रुचि बढ़ाने के लिए मौजूदा अवसरों का विस्तार किया जाएगा। डीएसटी की ओर से आईबीएम के साथ साझेदारी में देश के युवाओं में सीखने और वैज्ञानिक सोच विकसित करने के लिए एक शिक्षण मंच तैयार किया जाएगा। दरअसल, विज्ञान ज्योति ऐसा कार्यक्रम है, जो छात्राओं के बीच विज्ञान, प्रौद्यौगिकी, इंजीनियरिंग और गणित सीखने को प्रोत्साहन देता है। 9 से 12 वीं कक्षा तक की मेधावी छात्राओं के लिए एक समान अवसर का निर्माण करने के लिए यह कार्यक्रम संचालित है।
वहीं एंगेज विद साइंस नामक पहल के जरिए छात्रों, शिक्षकों को वैज्ञानिकों के साथ जोड़ने की मंशा है। ताकि देश में वैज्ञानिक सोच का विकास किया जा सके। डीएसटी के सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने सहयोग की घोषणा करते हुए कहा, "आईबीएम के साथ साझेदारी डीएसटी और विज्ञान प्रसार के इन कार्यक्रमों को बड़े पैमाने पर इंटरैक्टिव तरीकों से छात्रों और शिक्षकों तक पहुंचाएगी।
इंटरैक्टिव लनिर्ंग प्लेटफॉर्म 'एंगेज विद साइंस' को आगे बढ़ाते हुए, देश के युवाओं में सीखने की प्रवृत्ति को बढ़ावा मिलेगा और यह स्कूली छात्रों की समस्याओं का समाधान करेगा, जिन्हें कक्षा के बाहर अधिक ज्ञान की आवश्यकता होती है और यह सीखने के एक इंटरैक्टिव तरीके से अंर्तदृष्टि प्रदान करता है। विज्ञान मंच के साथ जुड़ाव छात्रों को डिजिटल टूल के उपयोग के माध्यम से क्लाउड, बिग डेटा आदि सहित विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सामग्री के नमूने और सक्रिय भागीदारी के साथ बातचीत, भाग लेने और सक्रिय करने में मदद करेगा।(आईएएनएस)