केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने तीन नये कृषि कानून के मसले पर शीर्ष अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए शुक्रवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी जब बुलाएगी को सरकार उसमें अपना पक्ष रखेगी। नये कृषि कानून के विरोध में आंदोलन की राह पकड़े किसानों के प्रतिनिधियों के साथ नौवें दौर की वार्ता बेनतीजा रहने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने जो निर्णय दिया है उसका भारत सरकार स्वागत करती है।"
देश की शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार द्वारा पिछले साल लागू तीन नये कृषि कानूनों के अमल पर रोक लगाते हुए इन कानूनों से संबंधित मसले का समाधान करने के लिए विशेषज्ञों की एक कमेटी गठित कर दी है।
कृषि मंत्री तोमर ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता के लिए जो कमेटी बनाई वह जब भारत सरकार को बुलाएगी तो हम उस कमेटी के समक्ष भी अपना पक्ष प्रस्तुत करेंगे।"
हालांकि इस बीच सरकार ने सीधे किसानों के साथ वार्ता का दौर भी जारी रखा है और इस संबंध में किसान यूनियनों के साथ फिर 19 जनवरी को विज्ञान भवन में चर्चा होगी। किसान यूनियनों के नेता केंद्र सरकार द्वारा लागू कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी देने की मांग पर शुक्रवार की वार्ता के दौरान भी अड़े रहे।
केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल।(PIB)
किसान यूनियनों के साथ इस वार्ता में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री सोम प्रकाश भी मौजूद थे।
कृषि मंत्री ने बताय, "आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम पर विस्तार से चर्चा हुई। हमारे मंत्री जी (पीयूष गोयल) ने सभी यूनियन के सामने विस्तार से इस अधिनियम पर चर्चा कर उनकी शंकाओं का समाधान करने की कोशिश की, लेकिन चर्चा निर्णायक मोड़ पर नहीं पहुंच पाई।" केंद्रीय मंत्री ने बताया कि यूनियन और सरकार दोनों ने मिलकर यह तय किया कि 19 जनवरी को फिर दोपहर 12.00 बजे बैठक कर विषयों पर चर्चा करेंगे। कृषि मंत्री तोमर ने कहा किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से सौहाद्र्रपूर्ण माहौल में वार्ता संपन्न हुई।
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी किसान आंदोलन पर दिए बयान को लेकर पूछे गए सवाल पर केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि राहुल गांधी के बयान पर पूरी कांग्रेस हंसती है। उन्होंने कहा, " 2019 में कांग्रेस पार्टी के मेनिफेस्टो में इस रिफॉर्म का उन्होंने वादा किया था। अगर उनको याद न हो तो वह अपना मेनिफेस्टो दोबारा पढ़ लें।"
तोमर ने कहा, "अगर उस मेनिफेस्टो में इस बात का उल्लेख है तो राहुल गांधी जी और सोनिया गांधी जी (कांग्रेस अध्यक्ष) को प्रेस के सामने आना चाहिए और यह स्वीकार करना चाहिए कि वे उस समय झूठ बोल रहे थे या आज झूठ बोल रहे हैं।" इससे पहले राहुल गांधी ने ट्वीट के जरिए कहा, "देश के अन्नदाता अपने अधिकार के लिए अहंकारी मोदी सरकार के खिलाफ सत्याग्रह कर रहे हैं।"
कृषि मंत्री ने किसानों के साथ बातचीत में कहा कि, "हमें औपचारिक या अनौपचारिक समूह बनाकर कृषि सुधार कानून के विषय पर समाधान की चर्चा करनी चाहिए और चर्चा के दौरान जो भी सहमति बनेगी, उससे समाधान का मार्ग प्रशस्त हो सकता है। जिन मुद्दों पर सहमति नहीं होगी, उन प्रावधानों पर तर्कपूर्ण मंथन कर संशोधन करने का विचार किया जा सकता है।"(आईएएनएस)