केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय गांवों में शिक्षा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए ठोस कदम उठाने जा रहा है। इसके अंतर्गत गांवों के स्कूलों में इंटरनेट कनेक्टिविटी को बढ़ावा दिया जाएगा। शिक्षा मंत्रालय के अनुसार यह छात्रों के बीच डिजिटल अंतर को कम करने का एक प्रयास है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शिक्षा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, गांवों में इंटरनेट कनेक्टिविटी को बढ़ाने, ग्रामीण आबादी का पूर्ण विकास और सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
छात्रों के बीच डिजिटल अंतर को कम करने के लिए शिक्षा मंत्रालय डिजिटल शिक्षा को मजबूत करने पर विशेष ध्यान दे रहा है। अब डिजिटल ढांचे का नया पैटर्न क्षेत्रीय भाषाओं पर भी आधारित होगा इसका लक्ष्य डिजिटल शिक्षा में अधिक से अधिक अंतर्भाव लाना और डिजिटल शिक्षा को आम लोगों तक पहुंचाना है।
शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि पारंपरिक शिक्षा में स्वीकृत ऑनलाइन कम्पोनेंट को 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर दिया गया है।(wikimedia commons)
शिक्षा मंत्रालय में हाल ही में एक बैठक भी की गई है। शिक्षा मंत्री ने बैठक की जानकारी देते हुए सांझा किया कि किस प्रकार इसमें मुख्य रूप से संयुक्त डिजिटल इको सिस्टम को विकसित करने के लिए उपग्रह टैकनोलजी और इंटरनेट का लाभ उठाने पर चर्चा की गयी। इस दौरान शिक्षा मंत्री ने स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा, कौशल विकास और शिक्षक प्रशिक्षण के सभी पहलुओं को शामिल करने के लिए मौजूदा मंचों का और विस्तार करने के उद्देश्य से प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने की खातिर एक अभिनव बिंदु की शुरुआत की है।
शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि पारंपरिक शिक्षा में स्वीकृत ऑनलाइन कम्पोनेंट को 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर दिया गया है। 100 से ज्यादा शीर्ष रैंक प्राप्त विश्वविद्यालयों को पूर्ण रूप से ऑनलाइन शिक्षा कार्यक्रम करने की अनुमति दे दी गई है। डिजिटल अंतर को कम करने के प्रयास में, भारत स्वयं प्रभा टीवी चैनलों और कम्युनिटी रेडियो का व्यापक प्रयोग कर रहा है।
Input: IANS; Edited By: Tanu Chauhan