By: Vijeesh Nair
गुरु आत्मा नंबी , जिनका जन्म 17 मार्च, 1955 को हुआ, एक आध्यात्मिक गुरु और सेलम, तमिलनाडु में उपनिषद आनंद मंदिर आश्रम के संस्थापक के रूप में जाने जाते हैं । यह आश्रम सभी में प्रेम, करुणा, भाईचारा, अच्छे स्वास्थ्य, समृद्धि और ध्यान का संदेश फैला रहे हैं।
बहुत से लोगों के लिए गुरु आत्मा नंबी जी का जीवन एक उपयुक्त उदाहरण है कि विभिन्न असुविधाओं के बीच भी खुशी और शांति से कैसे रहना चाहिए। उनके पास विशाल और असंख्य जीवन के अनुभव हैं, जिनसे ज्ञान उभरता है और निरंतरता के माध्यम से आगे बढ़ता है। 10 साल की उम्र से ही विभिन्न आध्यात्मिक क्षेत्रों के पांच शिक्षकों ने उनका मार्गदर्शन किया है ।
गुरु आत्मा नंबी ने कहा था, "मेरी आध्यात्मिक यात्रा, मेरे बचपन में शुरू हुई। जब मेरी मां ने मुझे मेरे पहले शिक्षक नटराज गुरुक्कल के पास भेजा। आत्मा जी ने कहा , " उन्होंने मुझे भक्ति योग ( अनुष्ठान, मंत्रों का जाप और यज्ञ करना ) में दीक्षित किया"। अगले कुछ वर्षों में गुरुजी ने अपनी उच्च शिक्षा पूरी की और साथ में अध्यात्म की शिक्षा भी जारी रखा। 7 अक्टूबर 1994 को गुरुजी को आत्मज्ञान का अमिट अनुभव हुआ।
उन्होंने साधकों के लिए रास्ता साफ करने और उन्हें ध्यान, योग और क्रिया के माध्यम से आध्यात्मिकता की ओर ले जाने का फैसला किया। उन्होंने एक नई मानवता के निर्माण के हिस्से के रूप में खुद को समर्पित कर दिया। अपनी पूरी यात्रा के दौरान उन्होंने अपने आस-पास के सभी लोगों की मदद करने पर ध्यान केंद्रित किया। वह लोगों की असुरक्षा में आंतरिक शांति और खुशी फैलाना चाहते थे।
आत्मा नम्बी जी पूरे विश्व में जन जागरण कर रहे हैं, जिसके लिए वह लोगों के दिलों में आध्यात्मिक एकता पैदा करने के लिए कई देशों की यात्रा करते हैं। ब्राजील और शिकागो (यूएस) में उनके आध्यात्मिक सम्मेलन केंद्र सहित दुनिया भर में उनके अनुयायी हैं।
गुरु आत्मा नंबी(Facebook)
गुरु आत्मा नांबी ने दिसंबर 2012 में भारत के हैदराबाद में आयोजित आध्यात्मिकता पर प्रथम विश्व संसद में भी भाग लिया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र (यूएन) से 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित करने की अपील की। समाज में इनके योगद्दान के लिए 2016 में इन्हे बाबा साहब राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
वर्षों पहले ऋषिकेश की आध्यात्मिक यात्रा के दौरान, गुरु जी जीएचआरडीएस (HRDS INDIA) इंडिया के संस्थापक सचिव अजी कृष्णन से मिले। तब से, गुरु जी ने जीएचआरडीएस इंडिया और इसकी उत्कृष्ट गतिविधियों के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए रखा है।
दुनियाभर में उनके आध्यात्मिक मार्गदर्शन और सेवाओं के लिए ग्लोबल अचीवर्स फाउंडेशन, नई दिल्ली ने 2016 में उन्हें पुरस्कृत किया। वर्तमान में, वह दुनिया भर में शांति समाज के मानद सलाहकार हैं, जो यूनिवर्सल पीस एंड हार्मनी के लिए एक वैश्विक नागरिक संगठन है। उनका मानना है कि आध्यात्मिकता एकता ला सकती है और वह दुनिया को शांति के मंदिर में बदलने का प्रस्ताव रखते हैं।