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​हिंदू माता-पिता अपने बच्चों को धर्म के प्रति जागृत कर रोक सकते हैं धर्मांतरण!

NewsGram Desk

एक रिपोर्ट के अनुसार हमारे देश भारत में धर्मांतरण का सबसे अधिक प्रभाव हिंदू धर्म पर हुआ है। अनुमान है कि प्रत्येक वर्ष 20,000 से अधिक हिंदू दूसरे धर्म को स्वीकार कर लेते हैं। क्या कभी हिंदू समाज ने सोचा है आखिर क्या कारण है कि इतनी बड़ी संख्या में हिंदू लोग सबसे पुरातन धर्म को छोड़कर नया धर्म स्वीकार कर लेते हैं। यह बात नकारी नहीं जा सकती है कि कहीं ना कहीं धर्मांतरण के पीछे एक विशेष संप्रदाय द्वारा उत्पीड़न का हाथ हो सकता है। इसके अलावा लव जिहाद और लालच प्रपंच को भी माना जा सकता है। लेकिन लव जिहाद और लालच प्रपंच की ऐसी घटनाओं के कारण हिंदू समाज धर्मांतरण के पीछे अपनी भूमिका से पल्ला नहीं झाड़ सकता।

रिपोर्ट के अनुसार धर्मांतरण का शिकार होने वाले हिंदुओं में सबसे बड़ी संख्या एससी समाज के लोगों की होती है। आखिर क्या कारण है कि एससी समाज के अधिकतर लोग धर्मांतरण का शिकार हो जाते हैं? कई तर्कों में से एक तर्क यह है कि हिंदू समाज आज भी जाति प्रथा में बंटा हुआ है। अभी भी कुछ लोग एससी समाज के लोगों से छुआछूत की भावना रखते हैं यह बात स्वीकारी जाती है कि इनकी संख्या निश्चित ही कम है लेकिन जब तक पूर्णता ऐसे लोग की सोच का अंत नहीं होता तब तक ऐसे ही एससी समाज का धर्मांतरण जारी रहेगा जिसमें सबसे बड़ी भूमिका ईसाई मिशनरी निभाते हैं।

हमें अपने बच्चों को पूजा परंपरा के प्रति आदर करना सिखाना होगा – मोहन भागवत (Wikimedia commons)

इन सब कारणों के एक बहुत बड़ा कारण है जो छूट जाता है वह है, "हिंदू समाज के माता-पिता द्वारा अपने बच्चों को धर्म और संस्कृति के बारे में ना बताना"। इसी विषय पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत का बयान इस समय काफी चर्चा में है उन्होंने कहा आखिर हमारे घर के बच्चों का मतांतरण कैसे हो जाता है इससे तो ऐसा लगता है कि हम अपने बच्चों को अपने धर्म का महत्व नहीं बता पाते, हमें अपने घर से ही बच्चों को संस्कार देने होंगे अपनी पूजा परंपरा के प्रति आदर करना सिखाना होगा। इसके अलावा संघ प्रमुख ने यह भी कहा कि बच्चों को धर्म से संबंधित प्रश्न करते हैं तो उनका उत्तर हमें देना होगा और उनकी जिज्ञासा भी शांत करनी होगी इस तरह के संस्कारों के लिए हमें अपने बच्चों को तैयार करना होगा।

संघ प्रमुख के बयान में यह स्थिति साफ कर दी है कि धर्मांतरण के पीछे कहीं न कहीं हिंदू माता-पिता का अपने बच्चों को अपनी संस्कृति एवं हिंदू समाज के प्रति जागृत ना करना भी है। वरना धर्मांतरण रोधी कानून उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड समेत कई राज्यों में लागू है पर जब तक स्वयं हिंदू समाज जागृत नहीं होगा तब तक धर्मांतरण नहीं रुक सकता।

Edited By: Lakshya Gupta

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