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बांग्लादेश और म्यांमार के साथ आतंकवाद पर आईबी को मिली बड़ी भूमिका

NewsGram Desk

By : सुमित कुमार सिंह

भारत सरकार ने देश की घरेलू खुफिया एजेंसी और आंतरिक सुरक्षा की निगरानी करने वाली इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) को दो पड़ोसी देशों बांग्लादेश और म्यांमार के लिए बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। सरकार ने आईबी के मल्टी-एजेंसी सेंटर (मैक) को बांग्लादेश और म्यांमार के साथ खुफिया जानकारी साझा करने के लिए नोडल प्वाइंट के तौर पर नामित किया है। 21 दिसंबर को संसद में रखी गई गृह मंत्रालय की अनुदान मांगों पर राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा की अध्यक्षता में गृह मामलों की संसदीय स्थायी समिति की एक रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया।

रिपोर्ट में कहा गया है, "इस क्षमता के साथ इन देशों में समकक्षों के साथ आतंकवाद पर नियमित रूप से इनपुट साझा किए जाते हैं।" वर्तमान में आईबी का नेतृत्व 1984 बैच के आईपीएस अधिकारी अरविंद कुमार कर रहे हैं।आमतौर पर भारत की बाहरी खुफिया एजेंसी, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) विदेशों में खुफिया मामलों को देखती है।

आतंकवाद से निपटने के लिए अपनी क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से आईबी अपने मैक नेटवर्क को जिला स्तर तक बढ़ा रही है। (Unsplash)

आतंकवाद के खिलाफ़ इनपुट्स

मैक को दिसंबर 2001 में कारगिल संघर्ष के बाद बनाया गया था। इसे आतंकवाद से संबंधित सभी खुफिया सूचनाओं को साझा करने और उनका विश्लेषण करने के उद्देश्य से एक मंच के रूप में स्थापित किया गया था।26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों के बाद दिसंबर 2008 में इसे मजबूत किया गया था। यह मंच सभी राज्यों में सहायक इकाइयों के साथ आतंकवाद पर खुफिया जानकारी के लिए राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त समन्वय एजेंसी के रूप में उभरा है।

देश भर में वास्तविक समय की जानकारी साझा करने के लिए एक समर्पित, सुरक्षित इलेक्ट्रॉनिक नेटवर्क का विस्तार किया गया है। मैक ने आतंकवाद से संबंधित जानकारी और डेटा को साझा करने के लिए संचार और कनेक्टिविटी की एक व्यापक प्रणाली स्थापित की है। इस उद्देश्य के लिए राष्ट्रीय राजधानी 25 केंद्रीय सदस्य एजेंसियों और सभी राज्यों की राजधानियों से जुड़ी हुई है।सरकार ने अब मैक नेटवर्क बेस का विस्तार करने की योजना बनाई है।

रिपोर्ट में कहा गया है, "एनएमबी सॉफ्टवेयर में सभी मैक और राज्य पुलिस सर्वरों पर इस्तेमाल किया गया है। इंटेलिजेंस ब्यूरो और कुछ अन्य राज्यों सहित कई अन्य एजेंसियों की ओर से डेटाबेस पर पहले ही बड़ी मात्रा में डेटा अपलोड किया जा चुका है।" इसके अलावा मैक संबंधित एजेंसियों से संबंधित औसतन हर दिन लगभग 150 इनपुट्स को इकट्ठा करता है, स्टोर करता है और इनके साथ साझा करता है। इसके बाद विशेष अलर्ट जारी किया जाता है। बता दें कि आतंकवाद से निपटने के लिए अपनी क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से आईबी अपने मैक नेटवर्क को जिला स्तर तक बढ़ा रही है। आईबी का मैक नेटवर्क अब पूरे देश में 825 स्थानों को कवर करेगा। (आईएएनएस)

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