ब्लॉग

प्रवासी पक्षियों को यदि संरक्षित नहीं किया गया तो हो सकता है मानव अस्तित्व ख़त्म।

NewsGram Desk

विश्व स्तर पर तेजी से हो रहे आवास की हानि पर भारत ने चिंता जताई है। केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री, भूपेंद्र यादव ने बुधवार को उद्घाटन की गई दो दिवसीय सीएएफ रेंज देशों की बैठक में इस बात को दुनिया के सामने रखा।उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक के दौरान विश्व स्तर पर तेजी से आवास की हानि प्रवासी पक्षियों के लिए बड़ी बाधा साबित हुई है। इसमें जल निकायों, आद्र्रभूमि, प्राकृतिक घास के मैदान और जंगलों के नीचे का क्षेत्र भी शामिल है।साथ ही उन्होंने यह भी कहा, "अत्यधिक दोहन, प्राकृतिक संसाधनों का निरंतर उपयोग, जनसंख्या विस्फोट के साथ-साथ मौसम परिवर्तनशीलता में वृद्धि, और जलवायु परिवर्तन के परिणामस्वरूप प्रवासी पक्षियों के लिए जैव विविधता का नुकसान हुआ है।"

प्रवासी पक्षियों के संरक्षण के लिए देशों और राष्ट्रीय सीमाओं के बीच पूरे मध्य एशियाई फ्लाईवे (सीएएफ) के साथ सहयोग को बेहद जरूरी बताते हुए यादव ने कहा कि प्रवासी पक्षियों को जीवित रहने में मदद करना हमारे लिए पसंद की बात नहीं है बल्कि हमारे अस्तित्व के लिए आवश्यक है।

प्रवासी पक्षियों के संरक्षण के लिए सबको एक साथ आकर प्रयास करने के लिए प्रेरित करते हुए यह कहा की ये पक्षी सकारात्मक प्रभाव वाले मौसमी मेहमान हैं और भारत भाग्यशाली है कि सितंबर-अक्टूबर बड़े झुंडों का आगमन प्रवास की शुरूआत का प्रतीक है।

मंत्री ने यह भी बताया कि प्रवासी पक्षियों को बचाने का मतलब आद्र्रभूमि, स्थलीय आवासों को बचाना और एक पारिस्थितिकी तंत्र को बचाना है, जो आद्र्रभूमि पर निर्भर समुदायों को लाभ पहुंचाता है। पक्षियों को मौसम की प्रतिकूलताओं और ठंडे क्षेत्रों में भोजन की अनुपलब्धता को दूर करें और उनका आवास और भोजन सुनिश्चित करें।

एमओईएफ और सीसी की एक विज्ञप्ति में कहा गया है की भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआईआई) में एक ऑनलाइन बैठक आयोजित की गई है, जिसमें भारत प्रवासी पक्षियों के संरक्षण पर अपनी सर्वोत्तम प्रथाओं और सीएएफ रेंज देशों के साथ राष्ट्रीय कार्य योजना को साझा करेगा।

जिसके बाद बैठक गतिविधियों और संरक्षण प्राथमिकताओं, और सीएएफ के भीतर होने वाली कार्रवाइयों के बारे में सभी को जानकारी भी साझा की जाएगी। इस बैठक में सीएएफ रेंज के देशों के प्रतिनिधि के साथ साथ सीएमएस के प्रतिनिधि, इसके सहयोगी संगठन, दुनिया भर के क्षेत्र के विशेषज्ञ, वैज्ञानिक, अधिकारी और राज्य/केंद्र शासित प्रदेश की सरकारों के प्रतिनिधि आदि भी शामिल होंगे।

मध्य एशियाई फ्लाईवे (सीएएफ) जिसमे पक्षियों के कई महत्वपूर्ण प्रवास मार्ग शामिल हैं, आर्कटिक और हिंद महासागरों के बीच यूरेशिया के एक बड़े क्षेत्र को कवर करता है। इसके तहत कुल 30 देश हैं। भारत ने इस फ्लाईवे की प्रगति को हमेशा सहयोग दिया है और इसने कई अंतर-सरकारी बैठकें भी आयोजित की हैं जो समझौतों और योजनाओं को विकसित करने और आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण साबित हुई हैं।

प्रवासी पक्षियों का संरक्षण महत्वपूर्ण।(Pixabay)

इसके अतिरिक्त प्रवासी पक्षियों के संरक्षण के महत्व को ध्यान में रखते हुए भारत ने 2018 में सीएएफ के साथ प्रवासी पक्षियों के संरक्षण के लिए एक व्यापक राष्ट्रीय कार्य योजना (एनएपी) शुरू की है।

फरवरी 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांधीनगर में आयोजित प्रवासी प्रजातियों (सीएमएस) पर सम्मेलन के दलों (सीओपी) की 13 वीं बैठक के उद्घाटन समारोह के दौरान अपने मुख्य भाषण में कहा था कि भारत सभी मध्य एशियाई फ्लाईवे रेंज देशों के सक्रिय सहयोग के साथ प्रवासी पक्षियों के संरक्षण को एक नए प्रतिमान में ले जाने का इच्छुक है और मध्य एशियाई फ्लाईवे के साथ प्रवासी पक्षियों के संरक्षण के लिए अन्य देशों के लिए कार्य योजना तैयार करने की सुविधा प्रदान करने में प्रसन्नता होगी।

इस बैठक के दौरान एक संकल्प 12.11 और निर्णय 13.46 को अन्य बातों के साथ-साथ सीएमएस की छत्रछाया में और भारत के नेतृत्व में सीओपी 14 द्वारा स्थापित करने के लिए अपनाया गया था। इसमें अन्य रेंज राज्यों और संबंधित हितधारकों के साथ परामर्श, संरक्षण प्राथमिकताओं और संबंधित कार्यों पर सहमत होने के उद्देश्य से, और क्षेत्र में प्रवासी पक्षियों के लिए संरक्षण कार्रवाई के कार्यान्वयन के साथ पक्षों का समर्थन करने के उपाय, जिसमें अनुसंधान और अध्ययन को बढ़ावा देना शामिल है।(आईएएनएस-MS)


क्या आप कोविड ब्रेन फॉग का शिकार हैं? | what is brain fog | coronavirus latest news | Newsgram

youtu.be

डॉ. मुनीश रायज़ादा ने बिजली के बढ़े हुए बिलों के मुद्दे को हल करने में विफल रहने के लिए आप सरकार की आलोचना की

भारतीय लिबरल पार्टी (बीएलपी) दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में सभी 70 विधानसभाओं पर चुनाव लड़ेगी

कभी रहे खास मित्र, अब लड़ रहे केजरीवाल के खिलाफ चुनाव। कौन हैं मुनीश रायज़ादा?

नई दिल्ली विधानसभा (AC - 40) से केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे डा मुनीश रायज़ादा

भारतीय लिबरल पार्टी (बीएलपी) के अध्यक्ष डॉ. मुनीश रायज़ादा ने शहर में प्रदूषण के मुद्दे को हल करने में विफलता के लिए आप सरकार को ठहराया जिम्मेदार।