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वेटर्स की भगवा ड्रेस पर विवाद बढ़ने के बाद भारतीय रेल ने अपने सेवारत कर्मचारियों की पोशाक को वापस बदला

NewsGram Desk

देश में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 'देखो अपना देश' पहल के तहत चलाई जा रही रामायण एक्सप्रेस सर्किट स्पेशल ट्रेन के वेटर्स की भगवा ड्रेस पर विवाद बढ़ने के बाद भारतीय रेल ने अपने सेवारत कर्मचारियों की भगवा पोशाक वापस ले ली है। संतों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए माफ़ी मांगते हुए रेलवे ने कहा, "सेवा कर्मचारियों के पेशेवर पोशाक के रूप में सेवा कर्मचारियों की पोशाक पूरी तरह से बदल दी गई है।

रामायण एक्सप्रेस ट्रेन में वेटर्स का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो गया, जिसमे वेटर्स ने भगवा ड्रेस पहना था। इस वीडियो के वायरल होने के बाद जब संतों की नजर इस पर पड़ी तो उन्हें यह अपना अपमान प्रतीत हुआ, जिसके बाद उज्जैन के साधु-संतों ने सर्विस देने वाले वेटर्स की ड्रेस पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने रेलमंत्री को पत्र लिखकर चेतावनी दी थी कि अगर वेटर्स की ड्रेस नहीं बदली गई तो वे ट्रेन रोकेंगे और अगली ट्रिप का विरोध करेंगे।

आपको बता दें की इस डीलक्स एसी टूरिस्ट ट्रेन से भगवान श्रीराम से जुड़े सभी धार्मिक स्थलों का भ्रमण कराया जाता है। रामायण एक्सप्रेस को बेहद खास अंदाज में डिजाइन किया गया है। ट्रेन में दो डाइनिंग कोच तैयार किए गए हैं। एसी कोच वाली ट्रेन में आरामदायक कुर्सी-टेबल लगाए गए हैं। अलग से टॉयलेट भी बनाया गया है, जिसमें नहाने का भी इंतजाम किया गया है। 12 दिसंबर को रामायण एक्सप्रेस ट्रेन की अगली ट्रिप है।

दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन से 7 नवंबर को पहली बार रामायण सर्किट स्पेशल ट्रेन 156 यात्रियों को लेकर रवाना हुई थी। इस ट्रेन का पहला पड़ाव अयोध्या होता है। यहाँ से ही धार्मिक यात्रा शुरू होती है। अयोध्या से यात्रियों को सड़क मार्ग से नंदीग्राम, जनकपुर, सीतामढ़ी के रास्ते नेपाल ले जाया जाता है। इसके बाद ट्रेन से यात्रियों को भगवान शिव की नगरी काशी ले जाया जाता है। इसका अंतिम पड़ाव रामेश्वरम होता है।

Source: Opindia ; Edited By: Manisha Singh

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Ramayan Circuit Train: देश की पहली धार्मिक ट्रेन | ramayana circuit train inside | IRCTC | Newsgram

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