ब्लॉग

Jahangirpuri violence : ‘नीले रंग का कुर्ता’ वाला सोनू उर्फ यूनुस सबसे खूंखार

NewsGram Desk

सोशल मीडिया(Social Media) पर 17 अप्रैल को एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें 16 अप्रैल को राष्ट्रीय राजधानी के जहांगीरपुरी(Jahangirpuri) इलाके में हुई सांप्रदायिक हिंसा के दौरान एक व्यक्ति ने नीले रंग का कुर्ता पहने भीड़ पर पिस्तौल से गोलियां चलाई थीं। जिस तरह से वह भीड़ पर गोली चला रहा था, वह कथित दंगाइयों की क्रूरता को दर्शाता है, जो उस समय तक पुलिस के लिए अज्ञात था।

वायरल वीडियो ने पुलिस पर उसे पकड़ने का दबाव बनाया, लेकिन उससे पहले आरोपी की पहचान करनी थी। पुलिस ने स्थानीय खुफिया जानकारी के आधार पर आरोपी की पहचान जहांगीरपुरी निवासी 28 वर्षीय इमाम उर्फ सोनू उर्फ यूनुस के रूप में की है।

शिनाख्त के बाद शहर से भागने से पहले अपराधी को पकड़ना पुलिस के लिए एक चुनौती थी।

18 अप्रैल को दोपहर करीब 1.30 बजे उत्तर-पश्चिम जिला पुलिस के विशेष अमले की टीम इमाम की तलाश में जहांगीरपुरी के सी ब्लॉक में गई थी।

हालांकि टीम जैसे ही कथित शूटर के घर पहुंची, उसके परिवार वालों ने पथराव कर दिया।

घटना के दौरान, सतेंद्र खारी नाम के एक इंस्पेक्टर को एक पत्थर लगा, जिससे उसके दाहिने टखने में चोट लग गई।

इसके बाद पुलिस ने जहांगीरपुरी पुलिस स्टेशन में एक अलग प्राथमिकी दर्ज की और आरोपी के एक रिश्तेदार की पहचान सलमा के रूप में की गई।

पथराव करने वालों में शामिल कई लोगों पर किसी कानूनी प्रावधान के तहत मामला दर्ज नहीं किया गया है, उन्हें इस शर्त पर छोड़ दिया गया है कि वे आगे की जांच के लिए पुलिस के सामने पेश होगा।

इसके बाद पुलिस ने जांच का दायरा बढ़ा दिया और उसी दिन शाम को इमाम को मंगल बाजार रोड से गिरफ्तार कर लिया गया, जो उस सड़क से मुश्किल से एक किलोमीटर दूर था, जहां उसने शनिवार की झड़प के दौरान गोलियां चलाई थीं।

विशेष पुलिस आयुक्त (कानून-व्यवस्था), दीपेंद्र पाठक ने इमाम की गिरफ्तारी को मामले में सबसे महत्वपूर्ण घटनाक्रमों में से एक बताया। जबसे उसका वीडियो वायरल हुआ, तब से उसे दंगाइयों में सबसे खूंखार माना जा रहा है।

पूछताछ के दौरान आरोपी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया और उसके पास से एक अत्याधुनिक पिस्टल बरामद की गई।

मंगलवार को पुलिस ने उसे स्थानीय अदालत में पेश किया, जहां से उसे चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। इमाम की जहांगीरपुरी इलाके में चिकन की दुकान है।

इमाम की मां ने कथित तौर पर मीडियाकर्मियों को बताया कि उनका बेटा सिर्फ दंगाइयों को डराना चाहता था और उसका किसी को मारने का कोई इरादा नहीं था।

मामले की जांच कर रही क्राइम ब्रांच ने गुलाम रसूल नाम के एक शख्स को भी पकड़ लिया, जिसने कथित तौर पर इमाम को पिस्टल सप्लाई की थी।

आईएएनएस(DS)

मई के पहले रविवार के दिन मनाया जाता है वर्ल्ड लाफ्टर डे, जानिए क्यों जरूरी है हंसना

कहावतों में सुनते आ रहे हैं “तीस मार खान”, जानिए असल में कौन हैं ये?

चुनाव आयोग ने तेलंगाना राज्य में बदल दिया मतदान का समय, अब कड़ी धूप से बच सकेंगे मतदाता

रहस्यों से भरा है केदारेश्‍वर गुफा मंदिर, केवल एक स्तंभ पर है खड़ा

मई में कब है मोहिनी एकादशी? इस दिन व्रत रखने से सदा बनी रहती है श्री हरि की कृपा