लखनऊ में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) (King George Medical University) देश का एकमात्र ऐसा संस्थान बन गया है, जिसने 2020 से अब तक सबसे ज्यादा कोविड नमूनों का परीक्षण किया है।
चिकित्सा विश्वविद्यालय के सूक्ष्म जीव विज्ञान विभाग ने फरवरी 2020 से मंगलवार तक आरटी-पीसीआर परीक्षण के माध्यम से 20 लाख परीक्षण किए हैं।
माइक्रोबायोलॉजी विभाग की प्रमुख प्रो. अमिता जैन को भी मंगलवार को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) द्वारा एक उन्नत माइकोलॉजी डायग्नोस्टिक एंड रिसर्च सेंटर की स्थापना की अनुमति दी गई है।
लखनऊ में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) (IANS)
केंद्र के तहत फंगी से संबंधित सभी शोध, विशेष रूप से म्यूकोर्मिकोसिस के आसपास ब्लैक फंगस, कोविड -19 (Covid-19) की एक शाखा माइक्रोबायोलॉजी विभाग के तहत की जाएगी।
प्रो अमिता जैन ने कहा "माइकोलॉजी लैब पहले से ही थी लेकिन इसमें उन्नत तकनीक की कमी थी। अब इसके साथ एक आईसीएमआर अनुमोदित पूर्ण विकसित केंद्र होने के साथ, प्रौद्योगिकी और मशीनरी को उन्नत किया जाएगा । ये हमें फंगी के विभिन्न पहलुओं और इसके कारण होने वाली बीमारियों का अध्ययन करने में मदद करेगा जैसे कि म्यूकोर्मिकोसिस। फंगी के तंत्र को समझने और उपयोग की जाने वाली दवाओं के लिए शोध करने में लगने वाला समय भी पहले की तुलना में तेज होगा।"
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केजीएमयू के प्रवक्ता प्रो सुधीर सिंह ने कहा, "कोविड -19 के 20 लाख परीक्षण जो फरवरी 2020 से माइक्रोबायोलॉजी विभाग द्वारा किए गए थे, विभाग के कर्मचारियों, लैब तकनीशियनों, वैज्ञानिकों और शोध छात्रों के कारण संभव हो सकें, जो खुद संक्रमित हो गए लेकिन काम करना जारी रखा।" (आईएएनएस-SM)