प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) द्वारा सोमवार को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर लॉन्च किए गए डब्ल्यूएचओ (WHO) एम-योग ऐप को आधुनिक तकनीक के मिश्रण का नायाब उदाहरण कहा जा सकता है। यह उम्मीद जताई गई है कि एम-योग ऐप, योग को दुनिया भर में फैलाने में मदद करेगा और एक विश्व, एक स्वास्थ्य के प्रयासों में योगदान देगा। एम-योग ऐप कई भाषाओं में सामान्य योग प्रोटोकॉल पर आधारित, योग प्रशिक्षण और अभ्यास के कई वीडियो उपलब्ध कराएगा। यह दुनिया भर में चल रही कोविड-19 (Covid-19) महामारी के दौरान योग और कल्याण को बढ़ावा देने में मदद करेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को सातवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (7th International Yoga Day) के अवसर पर अपने संबोधन के दौरान डब्ल्यूएचओ एम-योग ऐप लॉन्च किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह कोविड-19 से ठीक हो चुके कोविड रोगियों के स्वास्थ्य के पुन: पुनर्वास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
इस दौरान मोदी ने कहा, जब भारत ने संयुक्त राष्ट्र में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का प्रस्ताव रखा, तो इसके पीछे की भावना इस योग विज्ञान को पूरी दुनिया के लिए सुलभ बनाना था। आज भारत ने संयुक्त राष्ट्र और डब्ल्यूएचओ के साथ मिलकर इस दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
उन्होंने कहा, अब दुनिया को एम-योग ऐप की ताकत मिलने वाली है। इस ऐप में सामान्य योग प्रोटोकॉल पर आधारित योग प्रशिक्षण के कई वीडियो दुनिया की विभिन्न भाषाओं में उपलब्ध होंगे। यह आधुनिक तकनीक और प्राचीन विज्ञान के मिलन का भी बेहतरीन उदाहरण है। मुझे विश्वास है कि एम-योग ऐप दुनिया भर में योग के विस्तार और एक विश्व, एक स्वास्थ्य के प्रयासों को सफल बनाने में बड़ी भूमिका निभाएगा।
आयुष मंत्रालय और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने संयुक्त रूप से 2019 के मध्य में मोबाइल-योग पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक परियोजना शुरू की थी। इस परियोजना में 2030 तक सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज प्राप्त करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों के तहत स्वस्थ रहें, गतिशील रहें (बीएचबीएम) की अवधारणा की परिकल्पना की गई है।
स्वस्थ रहें, गतिशील रहें यानी बीएचबीएम पहल डब्ल्यूएचओ के नेतृत्व में एक वैश्विक साझेदारी है, जो गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) से निपटने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणाली के दायरे में गतिशील स्वास्थ्य (एम-स्वास्थ्य) प्रौद्योगिकी के विस्तार का समर्थन करती है।
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उपरोक्त उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए, डब्ल्यूएचओ और आयुष मंत्रालय ने जुलाई, 2019 में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे। एम-योग परियोजना चार क्षेत्रों पर केंद्रित है। इनमें सामान्य तंदुरुस्ती के लिए सामान्य योग प्रोटोकॉल, मानसिक स्वास्थ्य और सहनशीलता के लिए योग, किशोरों के लिए योग तथा मधुमेह-पूर्व वाले लोगों के लिए योग शामिल हैं।
इसके आधार पर, मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान (एमडीएनआईवाई) द्वारा डब्ल्यूएचओ प्रौद्योगिकी भागीदारों के परामर्श से एक आवश्यक पुस्तिका और मोबाइल एप्लिकेशन विकसित किए जाने का प्रस्ताव था। पुस्तिका पर काम अंतिम चरण में है और वर्तमान में लॉन्च किया गया ऐप संयुक्त राष्ट्र की छह आधिकारिक भाषाओं में से दो यानी अंग्रेजी और हिंदी में उपलब्ध है। (आईएएनएस-SM)