अर्जेंटीना के दिवंगत फुटबॉलर डिएगो माराडोना के निधन के बाद विशेषज्ञ आयोग ने उनके डॉक्टरों और नर्सों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। ला नेसियन न्यूजपेपर्स ने शुक्रवार को एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें कहा गया है कि डिएगो माराडोना की चिकित्सा टीम का आचरण अपर्याप्त, कमी और असंगत था। रोगी को उनकी किस्मत पर छोड़ दिया गया था।
माराडोना का 60 साल की उम्र में पिछले साल निधन हो गया था। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि यह निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता है कि स्टार फुटबॉलर की बेहतर चिकित्सा सुविधा के अभाव में मौत हुई, लेकिन कम से कम उनके पास जीवित रहने का बेहतर मौका था।
अर्जेंटीना के स्वर्गीय फुटबालर डिएगो माराडोना। (Wikimedia Commons)
डीपीए की रिपोर्ट के अनुसार, 1986 का विश्व कप विजेता टीम के सदस्य माराडोना अपने घर पर ठीक हो रहे थे क्योंकि डॉक्टरों ने उनके मस्तिष्क में खून का थक्का हटा दिया था।
विशेषज्ञों की रिपोर्ट के अनुसार, माराडोना की मौत देखभाल में कमियों और अनियमितताओं के कारण हुई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि माराडोना का मेडिकल, नसिर्ंग और चिकित्सीय स्टाफ द्वारा सही तरीके से निगरानी नहीं किया गया।(आईएएनएस-SHM)