नासा के वैज्ञानिकों ने सब-ऑर्बिटल उड़ान पर साउंडिंग रॉकेट के माध्यम से एक परिष्कृत एक्स-रे सोलर इमेजर को सफलतापूर्वक लॉन्च किया है। इस बारे में जानकारी जुटाने की कोशिश हो रही है कि कैसे और सूर्य का कोरोना पृथ्वी के मूल तारे की वास्तविक सतह की तुलना में इतना गर्म क्यों होता है। अलबामा के हंट्सविले में नासा के मार्शल स्पेस ़फ्लाइट सेंटर के डेवलपर्स, मिशन को मैगिक्स कहते हैं – मार्शल ग्राजि़ंग इंसीडेंस एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर। इसे दोपहर 2.20 बजे न्यू मैक्सिको में व्हाइट सैंड्स मिसाइल रेंज से लॉन्च किया गया।
मैगिक्स मिशन ने अपने पेलोड को भेजा, जिसमें एक बड़े शक्ति वाला कैमरा, टेलीस्कोप और एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर शामिल है।
मैगिक्स के प्रमुख अन्वेषक मार्शल हेलियोफिजिसिस्ट एमी वाइनबर्गर ने कहा, कोरोना के ताप तंत्र के बारे में हमारा ज्ञान सीमित है, आंशिक रूप से क्योंकि हम अभी तक इस क्षेत्र में सौर प्लाज्मा के तापमान वितरण का विस्तृत अवलोकन और माप नहीं कर पाए हैं।
सूर्य की सतह का तापमान 10,000 डिग्री फारेनहाइट से अधिक है, लेकिन कोरोना नियमित रूप से 1.8 मिलियन डिग्री फारेनहाइट से अधिक मापता है।
एक सक्रिय सौर क्षेत्र के विभिन्न भागों में विशिष्ट तापमान वितरण को मापने के लिए मैगिक्स पहला इमेजर होगा। वह सटीक डेटा वैज्ञानिकों को इस बहस को सुलझाने में मदद करेगा कि कोरोना कैसे और कितनी बार सुपर हीट होगा है।
कोरोनल हीटिंग मैकेनिज्म पर नई रोशनी डालने से शोधकतार्ओं को संभावित सोलर फ्लेयर्स और कोरोनल मास इजेक्शन को बेहतर ढंग से समझने और यहां तक कि भविष्यवाणी करने में मदद मिल सकता है, जो दोनों कोरोनल हीटिंग में क्षेत्रीय स्पाइक्स के संबंध में सबसे अधिक बार होता हैं।
नासा सांकेतिक इमेज(wikimedia commons)
मैगिक्स साउंडिंग रॉकेट मिशन भविष्य के नासा मिशनों के लिए अधिक विस्तार से सौर फ्लेयर्स का अध्ययन करने के लिए इंस्ट्रूमेंटेशन के लिए एक परीक्षण के रूप में कार्य करता है।
नासा नियमित रूप से ऐसे संक्षिप्त, केंद्रित विज्ञान मिशनों के लिए परिज्ञापी रॉकेटों का उपयोग करता है। वाइनबर्गर ने कहा कि वे बड़े पैमाने पर उपग्रह मिशनों की तुलना में अक्सर छोटे, अधिक किफायती और डिजाइन और निर्माण के लिए तेज होता हैं।
उन्होंने कहा, वे अद्वितीय, सबऑर्बिटल विज्ञान के अवसर, नए उपकरण विकसित करने का मौका और निवेश पर तेजी से वापसी प्रदान करते हैं।
–(आईएएनएस-PS)