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National Voter’s Day2021: है चुनना सही हमें, भविष्य हमारे हाथ में!

Shantanoo Mishra

लोकतंत्र का स्तम्भ है मतदाता! जिनके सामने देश का सबसे शक्तिशाली व्यक्ति भी हाथ जोड़े खड़ा रहता है। मतदाता के हाथ में सत्ता 'छीनने और उसे पलट देने' दोनों की शक्ति है। किन्तु जिस लोकतंत्र के त्यौहार 'चुनाव' में आज युवा भागीदार बनने से कतराते हैं उन्हें देख कर यह आभास होता है कि, क्या आने वाले वर्षों में चंद लोग ही सत्ता का रास्ता बनाएंगे?

कुछ युवाओं से यह भी सुनने को मिल जाता है कि यदि आप देश में बदलाव लाना चाहते हैं, तो मतदान मत कीजिए! जो की सरासर गलत है, क्योंकि मतदान न करने से आप स्वयं ही अपने महत्वपूर्ण अधिकार का हनन कर रहे हैं। जिस युवा भविष्य के कंधे पर देश अपना आने वाले कल को लिख रहा है अगर वह, बीच रास्ते में ही साथ छोड़ दे तो विकास और उन्नति तो दूर देश को तोड़ने वाले संसद पहुँच जाएंगे।

सत्ता का पायदान नेताओं के लिए मतदाता बिछाता है और अगर काम पसंद न आए तो पाँच साल बाद वह पायदान खींचने की हिम्मत भी रखता है। केवल जरूरत है सही चुनाव की। आज कोई अगर देश की संसद में बैठे सरकार पर और विपक्ष पर टीका-टिप्पणी या सवाल करता है तो वह उसका अधिकार है क्योंकि उन्हें संसद में बैठने का हक़ आप मतदाताओं ने दिया हे। आपके पास वह शस्र है जिसके सामने नेता नतमस्तक खड़े होतें हैं। किन्तु आप उन सवालों को तभी पूछ सकते हैं जब आपने मतदान किया हो। वरना स्वयं समाज आपकी मानसिकता पर प्रश्नचिन्ह उठा देगा।

National voters day 2021चुनाव में मतदान करती जागरूक जनता। (PIB)

हर पाँच साल बाद एक मुख्य चुनाव और हर साल कहीं न कहीं चुनाव देखने को मिल जाता है। तो उसी की सुविधा के लिए चुनाव(Election Commission of India) आयोग ने राष्ट्रिय मतदाता दिवस (National Voter's Day) पर मतदाताओं की सुविधा के लिए ई-एपिक (e-EPIC Electronic Electoral Photo Identity Card) लॉन्च किया है। चुनाव आयोग (Election Commission of India) की ओर से यह व्‍यवस्‍था राष्ट्रीय मतदाता दिवस (National Voter's Day) के मौके पर सामान्‍य मतदाताओं के लिए की गई है। अपने मोबाइल पर ही वह वोटर आइडी कार्ड को डाउनलोड कर सकता है। जब देश डिजिटल दुनिया में अपनी पकड़ मजबूत करने का हर संभव प्रयास कर रहा है तो चुनाव प्रक्रियाएं भी डिजिटल करने की प्रयास में सरकार का यह महत्वपूर्ण कदम है।

देश के प्रथम वोटर व हिमाचल के श्याम सारंग नेगी 103 वर्ष के हैं, किन्तु आश्चर्य की बात यह है कि उन्होंने कभी भी अपने मतदान का अधिकार नहीं छोड़ा। इस साल भी हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के पंचायत चुनाव में उन्होंने अपनी हाजिरी दर्ज कराई। यह हैं मतदाता के अधिकार का सटीक उदाहरण, इसलिए जागरूक बनें और अपने अधिकारों का सही इस्तेमाल करें।

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