नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती समारोह पराक्रम दिवस के अंग के तौर पर आयोजित एक वेबिनार में जर्मनी से शामिल हुईं नेताजी सुभाष चंद्र बोस की बेटी डॉ. अनीता बोस फाफ ने कहा कि नेताजी के पास भारत की वित्तीय और आर्थिक मजबूती के लिए एक विजन था और भारत को आजादी मिलने से पहले ही उन्होंने एक योजना आयोग का गठन कर लिया था।
जर्मनी से इस वेबिनार को संबोधित करते हुए डॉ. अनीता बोस फाफ ने कहा कि नेताजी भारतीय लोगों के दिलों में थे, हैं और आगे भी रहेंगे। उन्होंने कहा कि हालांकि उनके पिता एक धर्मनिष्ठ हिंदू थे लेकिन उनके मन में सभी धर्मों के लिए सम्मान था। उनके पिता ने एक ऐसे भारत की कल्पना की थी जहां सभी धर्म के लोग शांतिपूर्वक सह-अस्तित्व में रहते हों। उन्होंने कहा कि नेताजी लैंगिक समानता के हिमायती थे। उनका दृष्टिकोण एक ऐसे राष्ट्र का निर्माण करना था जहां पुरुषों और महिलाओं को न केवल समान अधिकार हों, बल्कि वे समान कर्तव्यों का पालन भी कर सकें।
सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर पराक्रम दिवस मनाया जाएगा। ( Wikimedia Commons )
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रपोत्री और नेताजी सुभाष बोस आईएनए ट्रस्ट दिल्ली-इंडिया की पूर्व महासचिव व वर्तमान ट्रस्टी रेणुका मलाकर ने वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि नेताजी को अपने देशवासियों से अत्यधिक प्रेम था और उन्होने युवाओं से आग्रह किया था कि उन्हें देश को सर्वोपरि रखना चाहिए और यदि ऐसा होता है तो भारत को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता।
आपको बता दें कि , नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती समारोह के अंग के तौर पर भारत सरकार के पत्र सूचना कार्यालय और प्रादेशिक लोकसमपर्क ब्यूरो द्वारा पराक्रम दिवस के संबंध में इस वेबिनार का आयोजन किया गया। इस वेबिनार में देश के विभिन्न हिस्सों से 200 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इनमें बीएसएफ के जवान, एनसीसी के कैडेट, नेहरू युवा केंद्र संगठन के युवा स्वयंसेवक और अन्य अधिकारी शामिल थे। (आईएएनएस – AS)