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NMA ने हिंदू देवता ‘गणेश’ की दो अपमानजनक  मूर्तियों को कु़तुब मीनार से हटाने का फैसला किया

NewsGram Desk

राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण (NMA) ने कुतुब मीनार(Qutab Minar) के परिसर में लगी हिंदू देवता गणेश की दो मूर्तियों को हटाने का फैसला किया। ये 12वीं सदी में स्मारक कुतुब मीनार(Qutab Minar) के परिसर में लगी हैं।

दरअसल एनएमए ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) से कु़तुब मीनार(Qutab Minar) के परिसर में 12वीं सदी से लगी हिंदू देवता गणेश की दो मूर्तियों को हटाने के लिए कह दिया है। पिछले महीने ASI को भेजे गए पत्र में NMA ने कहा था कि मूर्तियों को राष्ट्रीय संग्रहालय में सम्मानजनक स्थान दिया जाना चाहिए, जहां ऐसी प्राचीन वस्तुओं को प्रदर्शित करने का प्रावधान हो। NMA और ASI दोनों ही संस्कृति मंत्रालय के तहत आते हैं।

इस मसले पर NMA के अध्यक्ष ने कहा, "ये मूर्तियां जहां पर लगी हैं, वो अपमानजनक है.."और उन्हें राष्ट्रीय संग्रहालय में भेज दिया जाना चाहिए।

हालांकि एएसआई के अधिकारियों ने इस मामले पर अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है लेकिन, एनएमए प्रमुख तरुण विजय ने इस पत्र की पुष्टि की है।

तरुण विजय जोकि बीजेपी के नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद भी हैं। उन्होंने इस मसले पर अपने बयान में कहा, "मैं कई बार उस जगह पर गया हूं और महसूस किया है कि मूर्तियों की जगह अपमानजनक है। वो मस्जिद में आने वाले लोगों के पैरों में आती हैं। स्वतंत्रता के बाद हमने उपनिवेशवाद के निशान मिटाने के लिए इंडिया गेट से ब्रितानी राजाओं और रानियों की मूर्तियां हटाई हैं और सड़कों के नाम बदले हैं। अब हमें उस सांस्कृतिक नरसंहार को उलटने के लिए काम करना चाहिए जो हिंदुओं ने मुगल शासकों के हाथों झेला था।"

उन्होंने कहा कि इन दो मूर्तियों को "उल्टा गणेश" और "पिंजरे में गणेश" कहा जाता है और ये स्मारक कुतुब मीनार के परिसर में लगी हैं।

विजय ने कहा, "ये मूर्तियां राजा अनंगपाल तोमर के बनाए 27 जैन और हिंदू मंदिरों को तोड़कर लाई गई थीं। इन मूर्तियों को जो जगह दी गई है वो भारत के लिए अवमानना का प्रतीक है और उसमें सुधार की जरूरत है।"

गौरतलब है कि 'उल्टा गणेश' मूर्ति, परिसर में बनी कु़व्वत-उल-इस्लाम मस्जिद की दक्षिण की ओर बनी दीवार पर लगी है। जबकि दूसरी मूर्ति में लोहे के पिंजरे में कैद गणेश इसी मस्जिद में जमीन के पास लगे हैं।

आईएएनएस(DS)

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