ओडिशा सरकार ने राज्य भर में कुल 6,970 भिखारियों की पहचान की है और उनके कल्याण के लिए सहया (Sahaya Scheme) नाम की एक योजना लागू कर रही है। एक मंत्री ने शनिवार को यह जानकारी दी। राज्य विधानसभा में एक लिखित उत्तर में, सामाजिक सुरक्षा और विकलांग व्यक्तियों के अधिकारिता मंत्री अशोक चंद्र पांडा (Ashok Chandra Panda) ने कहा कि ओडिशा (Odisha) के सभी 30 जिलों में राज्य सरकार द्वारा 4,128 पुरुष और 2,842 महिला भिखारियों की पहचान की गई है। हालांकि पांडा ने कहा कि राज्य (Odisha) में कोई बच्चा भिखारी नहीं है।
मंत्री ने कहा कि 1,060 भिखारियों के साथ कटक जिला सबसे ऊपर है, इसके बाद बरगढ़ जिले में 595, गंजम में 545, बोलांगीर में 502, सुंदरगढ़ में 447, खुर्दा में 418, कालाहांडी में 363, नुआपाड़ा में 354 और पुरी में 350 भिखारी हैं।
अन्य जिलों में सोनपुर जिले में 283, कोरापुट में 222, अंगुल में 205, जाजपुर में 196, भद्रक में 188, नबरंगपुर में 183, रायगढ़ा में 176, मयूरभंज में 164, ढेंकनाल में 132 और बालासोर में 131 भिखारियों की पहचान की गई है। पांडा ने कहा कि सूची में छूटे हुए भिखाड़ियों को शामिल करने की प्रक्रिया जारी है।
उनके कल्याण के लिए राज्य सरकार सहया नामक एक योजना लागू कर रही है। मंत्री ने कहा कि पहले चरण में, पुरी और भुवनेश्वर शहरों में क्रमश: नीलाद्री निलय और एकमरा निलय नामक विशेष अभियान शुरू किए गए हैं।
योजना के तहत खुर्दा एवं संबलपुर जिलों में भिखारी पुनर्वास केन्द्र खोले गये हैं जबकि राउरकेला नगर पालिका गंजम एवं ढेंकनाल में ऐसे केन्द्रों की स्थापना के लिये राशि स्वीकृत की गयी है। उन्होंने कहा कि कटक नगर निगम में ऐसा केंद्र खोलने का प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन है। (आईएएनएस)
Input: IANS ; Edited By: Manisha Singh