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उत्तर प्रदेश जीतने के लिए पूर्वांचल साधने में जुटे सियासी दल

NewsGram Desk

उत्तर प्रदेश(Uttar Pradesh) के रण में पूर्वांचल(Purvanchal) के उतना ही महत्व है जितना की मिठाई में चीनी का होता है। इस बात से सभी सियासी वाकिफ हैं इसलिए हर एक दल अपने-अपने तरीके से पूर्वांचल साधने में जुट गए हैं। पूर्वांचल में कुल मिलकर 156 सीटें हैं और पिछले तीन चुनावो के नतीजों ने यह साबित कर दिया है की जिसने पूर्वांचल जीता उसने पूरा यूपी जीता।

सभी सियासी दलों का अपना-अपना तरीका है पूर्वांचल को साधने का एक तरफ सत्ताधारी भाजपा(Bhajpa) अपना हिंदुत्व(Hindutva) का एजेंडा और पांच में पूर्वांचल में किये गए विकास कार्यों का सहारा लेकर पूर्वांचल फतह करने में लगी है तो दूसरी ओर अखिलेश यादव पूर्वांचल में पैठ रखने वाले छोटे-छोटे दलों के साथ गठबंधन कर रहे हैं।

गौर करने वाली बात यह है की 2014 में यूपी में जो मोदी लहर शुरू हुई थी उसका असर 2017 के चुनाव तक जारी रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Narendra Modi) स्वयं वाराणसी से सांसद हैं और पूर्वांचल का प्रतिनिधित्वव करते हैं और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ(Yogi Adityanath) भी गोरखपुर से आते हैं, ऐसे में पूर्वांचल जीतना भाजपा की साख की बात है। 2017 में भाजपा ने यहां पर 156 में 115 सीटों पर फतह हासिल की जिसका असर पुरे प्रदेश में दिखा। भाजपा के लिए चुनौती की बात यह की उनके पुराने साथी और उनकी सरकार में मंत्री ओमप्रकाश राजभर जोकि पूर्वांचल के राजभर समाज पर अच्छी पैठ रखते हैं वे अखिलेश के खेमे में चले गए हैं। ऐसे में भाजपा डैमेज कंट्रोल कर पूर्वांचल में किये गए अपने विकास कार्यों को गिना रही है।

आइये एक नज़र डालते हैं भाजपा द्वारा पूर्वांचल में किये गए विकास कार्यों पर-

अखिलेश यादव और मायावती (Wikimedia Commons)

यूपी के इस हिस्से को विकास से अछूता न रखने के लिए सबसे पहले 341 किमी लंबा यह एक्सप्रेसवे 9 जिलों लखनऊ से होते हुए बाराबंकी, अयोध्या, अंबेडकरनगर, अमेठी, सुल्तानपुर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर से होकर गुजरेगा। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे की शुरूआत लखनऊ सुलतानपुर राजमार्ग पर चंदसराय गांव से गाजीपुर जिले के हलदरिया गांव पर खत्म होगा। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के आसपास 5 इंडस्ट्रियल क्लस्टर्स बनाने की योजना सरकार की है। इससे बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। यूपी विधानसभा चुनाव से पहले बाबा विश्वनाथ का दरबार वैश्विक स्तर पर अपने अलग स्वरूप में नजर आएगा। श्री काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण दिसंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। फिलहाल धाम का 80 फीसदी से अधिक कार्य पूरा हो चुका है। कुशीनगर को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की सौगात प्रधानमंत्री दे चुके हैं। 589 एकड़ में 260 करोड़ की लागत से बना ये हवाई अड्डा उत्तर प्रदेश का तीसरा और सबसे लंबे रनवे वाला एयरपोर्ट भी है। विंध्य क्षेत्र मीर्जापुर और सोनभद्र जिले में शुद्ध जलापूर्ति के लिए हर घर नल योजना शुरू हुई है। इसके साथ ही अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) गोरखपुर, खाद कारखाना, सल्फरलेस चीनी के साथ विद्युत उत्पादन करने वाली पिपराइच और मुंडेरवा (बस्ती) चीनी मिल। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे-सौंदर्यीकरण के बाद रामगढ़ ताल का निखरा स्वरूप- गोरखपुर में चिड़ियाघर- अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त योगिराज गंभीरनाथ प्रेक्षागृह व महंत दिग्विजय नाथ स्मृति पार्क। सिद्धार्थनगर में मेडिकल कॉलेज। देवरिया में मेडिकल कॉलेज। बाढ़ बचाव के लिए तरकुलानी रेगुलेटर। राप्ती नदी के राजघाट का पर्यटन स्थल के रूप में विकास। चौरीचैरा शहीद स्मारक का सौंदर्यीकरण। इसके अलावा भी अन्य कई योजनाओं पर केन्द्र और राज्य सरकारें मिलकर काम कर रही हैं।

ख़ैर यह तो भाजपा द्वारा उनके कार्यकाल में किये गए कार्य थे अगर बात करें अखिलेश यादव(Akhilesh Yadav) और अन्य विपक्षी दलों की तो एक तरफ अखिलेश यादव पूर्वांचल में छोटे-छोटे दलों के संग गठबन्धन कर अपना खेमा मज़बूत कर रहे हैं तो दूसरी ओर कांग्रेस भी प्रदेश भर में प्रतिज्ञा यात्रा और चुनाव में महिलाओं को 40 प्ररिशत टिकट देने के वादे के साथ चुनाव में उतर रही है। अब यह तो वक्त बताएगा की प्रदेश की जाता किसे चुनती है।

Input-IANS ; Edited By- Saksham Nagar

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