ब्लॉग

Pulse Oximeter: क्या है पल्स ऑक्सीमीटर और क्या है इसका इस्तेमाल?

NewsGram Desk

कोरोना महामारी दिन-ब-दिन विकराल रूप ले रही है और जिस कारण स्वास्थ्य सुविधाओं में कई प्रकार की बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं। अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की संख्या हर समय कम हो रही है, जिस वजह जरूरतमंद मरीजों को समय पर इलाज न मिलने की वजह से काफी मुश्किलों का समना करना पड़ रहा है और कई मरीजों की मृत्यु हो रही है। ऐसे में सभी डॉक्टर, माइल्ड सिम्प्टम यानि कम असरदार कोरोना मरीजों को घर पर ही आइसोलेट होने की या होम आइसोलेशन की सलाह दे रहे हैं। क्योंकि जो लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं और उनमें ऑक्सीजन की मात्रा कम हो रही है, उन्हें ही अस्पताल में इलाज जी जरूरत होती है। जिस वजह से लगातार घर ऑक्सीजन लेवल को मापने के Oximeter का प्रयोग किया जाता है।

क्या होता है पल्स ऑक्सीमीटर?

पल्स ऑक्सीमीटर एक ऐसा डिवाइस है जिससे हम बड़ी आसानी से घर बैठे ही अपने शरीर के अंदर खून में ऑक्सीजन सैचुरेशन लेवल और ऑक्सीजन की मात्रा को जाँच सकते हैं। यह छोटा सा उपकरण शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा को सटीक ढंग से बताता है। जिस वजह से लोगों में कोरोना का भय कम रहता है और यदि खून में ऑक्सीजन की मात्रा में गिरावट दिखाई देती है मरीज सचेत हो जाते हैं। यह उपकरण ब्लड सेल्स के कलर के आधार पर ऑक्सीजन सैचुरेशन को मापता है।

पल्स ऑक्सीमीटर से यह जानने में मदद मिल रही है कि कब मरीज को भर्ती करने की आवश्यकता है।(फाइल फोटो)

इसे इस्तमाल कैसे करें?

सभी डॉक्टर कोरोना मरीजों को दिन में कम से कम 4 बार ऑक्सीमीटर से खुद की जाँच की सलाह देते हैं। ताकि गंभीर स्थिति पैदा होने से पहले ही सब काबू में आ जाए और मरीज को समय पर अस्पताल में भर्ती कराया जा सके। पल्स ऑक्सीमीटर शरीर की त्वचा पर इस लाइट छोड़ता है और खून की कोशिकाओं की हलचल और उसके रंग का पता लगता है। फिर वह डिजिटल डिस्प्ले पर ऑक्सीजन मात्रा को दिखाता है। एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में कम से कम 96 प्रतिशत ऑक्सीजन होना जरुरी है और यदि यह संख्या 94 प्रतिशत से कम होता है, तो समझ लीजिए कि खतरा दस्तक दे चुका है और 90 प्रतिशत से नीचे का मतलब है कि मरीज को अस्पताल में भर्ती में करने का समय आ गया है।

पल्स ऑक्सीमीटर होम आइसोलेशन में उपचार करा रहे सभी मरीजों से बेहद मददगार साबित हुआ है। इसे आप किसी भी नजदीकी दवाई की दुकान या ऑनलाइन मंगवा सकते हैं।

रहस्यों से भरा है केदारेश्‍वर गुफा मंदिर, केवल एक स्तंभ पर है खड़ा

मई में कब है मोहिनी एकादशी? इस दिन व्रत रखने से सदा बनी रहती है श्री हरि की कृपा

ताजमहल को चमकाने में लग जाते हैं करोड़ों रुपए, एक खास तरीका का किया जाता है इस्तेमाल

राजस्थान का ये झील एक रात में बनकर हुई तैयार, गर्मियों में भी यहां घूमने आते हैं लोग

अमर सिंह चमकीला पर बनी फिल्म में अभी भी बाकी है उनके जीवन के कुछ हिस्से