डिजिटल शिक्षा को मजबूत करने के लिए शिक्षा मंत्रालय एक रोड मैप तैयार करने जा रहा है । जिसमें छात्रों के बीच डिजिटल अंतर को कम करने के लिए डिजिटल शिक्षा ढांचे का नया पैटर्न क्षेत्रीय भाषाओं पर भी आधारित होगा। इसका लक्ष्य डिजिटल शिक्षा में अधिक से अधिक समावेश लाना और डिजिटल विषमता को पाटते हुए वंचितों तक पहुंचना है।
डिजिटल शिक्षा के साथ-साथ देश की एकता और अखंडता के लिए भारतीय भाषाओं का संरक्षण और संवर्धन महत्वपूर्ण है , शिक्षा मंत्रालय का मानना है ।
इसी को देखते हुए शिक्षा मंत्रालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा समग्र शैक्षिक विकास के लिए भारतीय भाषाओं को शुद्धिकरण का प्रयास किया जा रहा है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय में डिजिटल शिक्षा के लिए एक बैठक हुई , बैठक में मुख्य रूप से एक एकीकृत डिजिटल इको सिस्टम विकसित करने के लिए उपग्रह प्रौद्योगिकी और इंटरनेट का लाभ उठाने पर चर्चा की गयी। स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा, कौशल विकास और शिक्षक प्रशिक्षण के सभी पहलुओं को शामिल करने के लिए मौजूदा मंचों का और विस्तार करने के उद्देश्य से प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने की खातिर केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने बात करी ।
डिजिटल शिक्षा को मजबूत करने के लिए शिक्षा मंत्रालय एक रोड मैप तैयार करने जा रहा है (PIXABAY)
आप को बता दे कि शिक्षा राज्य मंत्री का कहना यह है कि देश की एकता और अखंडता के लिए भारतीय भाषाओं का संरक्षण और संवर्धन महत्वपूर्ण है। उन्होंने इस तथ्य को रेखांकित किया कि भारतीय भाषाओं की ओर उचित ध्यान नहीं दिया गया है और उनकी देखभाल सही तरीके से नहीं की गई है।
शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक भारतीय भाषाओं के पठन और पाठन को हर स्तर पर स्कूली और उच्च शिक्षा के साथ जोड़ने की जरूरत है। शिक्षा राज्य मंत्री के मुताबिक देश ने पिछले 50 वर्षों में 220 से अधिक भाषाओं को खो दिया है।
अमित खरे उच्च शिक्षा सचिव ने मातृभाषा में सीखने के लाभों जैसे कि आलोचनात्मक सोच विकसित करने, ज्ञान प्रणाली की बेहतर समझ का निर्माण करने की बात कही है।
Input: आईएएनएस; Edited By: Pramil Sharma