राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(RSS) की दो दिवसीय अखिल भारतीय चिंतन बैठक का रविवार को समापन हो गया। इस मौके पर सरसंघचालक मोहन राव भागवत(Mohan Bhagwat) ने कहा कि संघ की किसी से प्रतिस्पर्धा नहीं है। प्रज्ञा प्रवाह प्रतिष्ठान की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया है कि मध्य प्रदेश(Madhya Pradesh) की राजधानी में आयोजित चिंतन बैठक में भागवत ने कहा, "सत्य, करुणा, शुचिता और परिश्रम सभी भारतीय धर्मो के मूलभूत गुण हैं। हम एकांत में साधना और लोकांत में सेवा करते रहें। धर्म की रक्षा धर्म के आचरण से होती है। हमारे गुण और धर्म ही हमारी संपदा है तथा हमारे अस्त्र-शस्त्र हैं।"
उन्होंने आगे कहा, संघ किसी का प्रतिस्पर्धी नहीं है, बल्कि धर्म व राष्ट्र के उत्थान के लिए कार्यरत विभिन्न संगठन, संस्थाओं व व्यक्तियों का सहयोगी है।
भागवत(Mohan Bhagwat) ने आह्वान किया कि सभी सुनियोजित रूप से परस्पर सहयोग करते हुए एक श्रेष्ठ मानवता का निर्माण करें।
हिंदुत्व(Hindutva) एवं राजनीति पर चर्चा करते हुए एकात्म मानव दर्शन अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान के अध्यक्ष तथा एकात्म मानव दर्शन के वरिष्ठ अध्येता महेश चंद्र शर्मा ने कहा, "हमारा राष्ट्रवाद भौगोलिक न होकर भू-सांस्कृतिक राष्ट्रवाद है। विश्व की राजनीतिक राष्ट्र रचना का मानवीकरण होना है, तो इसका हिंदूकरण होना आवश्यक है।"
विश्व की राजनीतिक राष्ट्र रचना का मानवीकरण होना है, तो इसका हिंदूकरण होना आवश्यक है।(IANS)
महेश शर्मा ने आगे कहा कि संविधान का बहिष्कार नहीं, पुरस्कार भी नहीं, बल्कि परिष्कार होना चाहिए। लोकतंत्र का भारतीयकरण करते हुए हमें धर्मराज्य स्थापित करने की दिशा में प्रयत्न करने चाहिए। एकात्म मानव दर्शन में व्यष्टि, समष्टि, सृष्टि तथा परमेष्ठी एक ही मानव इकाई में समाहित हैं।
हिंदुत्व(Hindutva) के वैश्विक पुनर्जागरण पर प्रबुद्ध विचारक राम माधव ने कहा कि हिंदुत्व जीवनशैली नहीं, बल्कि जीवन दृष्टि है, जीवन दर्शन है। आपने बताया कि कैसे सनातन धर्म संपूर्ण विश्व में पहुंचा तथा उसकी वर्तमान स्थिति क्या है। आज कैसे विभिन्न आध्यात्मिक संगठनों के माध्यम से हिंदू धर्म विभिन्न देशों में पहुंच रहा है तथा उसका आकर्षण दिनों-दिन बढ़ रहा है। वर्तमान वैश्विक समस्याओं का समग्र समाधान हिंदू धर्म ही देता है। वह पर्यावरण की समस्या हो, स्वास्थ्य समस्या हो अथवा तकनीकी की।
प्रज्ञा प्रवाह द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय चिंतन बैठक में संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले, प्रज्ञा प्रवाह के अखिल भारतीय संयोजक जे नंद कुमार तथा अनेक बौद्धिक एवं वैचारिक संगठनों व संस्थाओं के वरिष्ठ प्रतिनिधि सम्मिलित हुए।
देशभर से आए चिंतक, विचारक, लेखक, इतिहासकार, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, अर्थशास्त्री एवं अकादमिक जगत के कई बुद्धिजीवी व शिक्षाविदों ने हिंदुत्व के विभिन्न आयामों तथा उसके वर्तमान परिदृश्य पर मंथन किया।
आईएएनएस(DS)