गृह मंत्रालय(Ministry of Home Affairs) ने गुरुवार को कहा कि कुल 2,105 कश्मीरी प्रवासी अनुच्छेद 370(Article 370) के निरस्त होने के बाद प्रधानमंत्री विकास पैकेज के तहत प्रदान की गई नौकरियों को प्राप्त करने के लिए कश्मीरी(Kashmir) घाटी लौट चुके हैं। मंत्रालय ने कहा कि 2020-21 में कुल 841 कश्मीरी प्रवासी(Kashmiri Migrants) कश्मीर घाटी लौटे थे, जबकि 2021-22 में 1,264 लोग वापस चले गए हैं।
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बुधवार को राज्यसभा को बताया कि जम्मू-कश्मीर में 2019 से अब तक 14 हिंदुओं, जिनमें चार कश्मीरी पंडित(Kshmiri Pandit) शामिल हैं, की आतंकवादियों ने हत्या कर दी है।
इसके अलावा, अल्पसंख्यक समुदायों के 34 लोग पिछले पांच वर्षों में आतंकवादियों द्वारा मारे गए हैं, जिसमें 2021 में मारे गए 11 लोग शामिल हैं।
मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, 2019 में अनंतनाग, श्रीनगर और पुलवामा में एक-एक अल्पसंख्यक नागरिक (गैर-कश्मीरी पंडित ) की हत्या की गई, जबकि 2020 में, एक कश्मीरी पंडित और अल्पसंख्यक समुदाय के एक सदस्य की हत्या की गई।
इसी तरह, 2021 में, श्रीनगर में दो कश्मीरी पंडित और तीन अल्पसंख्यक सदस्य, पुलवामा में एक कश्मीरी पंडित और कुलगाम में तीन अल्पसंख्यक सदस्यों की आतंकवादियों द्वारा हत्या कर दी गई थी।
2022 में अब तक इन समुदायों से किसी की मौत की सूचना नहीं है।
MHA ने यह भी कहा कि सरकार कश्मीरी प्रवासियों के लिए उनकी संपत्ति बहाल करने के लिए सभी प्रयास कर रही है और 610 आवेदकों की संपत्ति वापस कर दी गई है।
नित्यानंद राय ने कहा कि जिलाधिकारी को प्रवासियों की संपत्तियों का संरक्षक बनाया गया है।
जम्मू-कश्मीर(Jammu-Kashmir) सरकार ने प्रवासियों की शिकायतों के समाधान के लिए एक पोर्टल भी शुरू किया है।
आईएएनएस(DS)