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जिसने मदद के लिए हाथ बढ़ाया उसी की पीठ पर छूरा घोंपा

NewsGram Desk

दिल्ली के मंगोलपुरी में राम मंदिर धन संग्रह से जुड़े रिंकू शर्मा पर एक विशेष तबके के लोगों ने 10 फरवरी को घर में घुस कर हमला कर दिया, जिसके बाद रिंकू की इलाज के दौरान मृत्यु हो गई थी। इस मामले में अब तक चार आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं जिनकी पहचान मोहम्मद इस्लाम, दानिश नसीरुद्दीन, दिलशान और दिलशाद इस्लाम के रूप में हुई है। यह चारों आरोपी उन 25-30 लोगों के साथ रिंकू पर हमला करने आए थे।

हैरान करने वाली बात यह है कि आरोपी मोहम्मद इस्लाम की पत्नी जिस समय गर्भवती थी उस समय रिंकू ने ही इलाज के लिए दो बार अपना रक्त दान किया था। यह ही नहीं इस्लाम के ही भाई को जब कोरोना बीमारी ने जकड़ लिया था उस समय भी रिंकू ने उसके इलाज के लिए मदद किया था। मगर मदद करने का यह नतीजा मृत्यु होगी इसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी।

किन्तु हत्या के बाद पुलिस का कहना है कि यह साम्प्रदायिक मामला नहीं है। यदि हम पुलिस की बात मान भी लें तो कुछ घटनाओं पर ध्यान केंद्रित करना जरूरी है। यदि यह सांप्रदायिक घटना नहीं थी तो क्यों राम मंदिर जुलुस के बाद ही रिंकू की इन शांतिप्रिय तबके से बहस हुई? और यह बहस लगातार जारी रही जिसके उपरांत उसका नतीजा हम सबके सामने है।

बुद्धिधारी Secular तबका कहता है कि एक विशेष राजनीतिक पार्टी सांप्रदायिक हिंसा को बढ़ावा दे रही है, यदि ऐसा है तो दिल्ली में भड़के दंगे को किसने हवा दिया, इसका जवाब हम सब जानते हैं। कथित धर्म विरोधी कानून CAA का झूठा भ्रम किसने दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में उन 'शांतिप्रिय' धर्म के लोगों में फैलाया, इसका जवाब भी हमे पता है।

दिल्ली में हुई यह घटना पहली बार नहीं है, ऐसी अनेकों घटनाओं की सूचि आप विभिन्न मीडिया रिपोर्ट में पढ़ और देख सकते हैं। मगर उनमे से कितनो पर करवाई हुई इसका जवाब अभी तक दिल्ली की सरकार नहीं दे पाई है। हत्या के दो दिन बाद भी दिल्ली सरकार या किसी अन्य राजनीतिक पार्टी का कोई आधिकारिक या अनाधिकारिक बयान जारी नहीं हुआ है।

किन्तु भाजपा नेता और Hindu Ecosystem के रचनाकार कपिल मिश्रा ने ट्विटर द्वारा रिंकू शर्मा की हत्या को दुःखद बताया है, साथ ही यह सवाल भी पूछा है कि देश में आखिर कब तक ऐसा चलता रहेगा।

ट्विटर पर #hindulivesmatter, #hindulivesdontmatter, और #JusticforRinkuSharma जैसे हैशटैग ट्रेंडिंग पर हैं। रिंकू शर्मा के हत्या के बाद पालघर साधु, दिल्ली हिंसा में मारे गए आईबी अफसर अंकित शर्मा और लव जिहाद का विरोध करने पर मारी गई फरीदाबाद की निकिता तोमर, इन सबके के इन्साफ के लिए आवाज़ उठाई जा रहीं है।

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