ब्लॉग

लॉकडाउन से रोज़गार गंवाने वाले मजदूरों की मदद के लिए फरिश्तों ने संभाली कमान

NewsGram Desk

कोरोना संक्रमण के कारण भारत में लगे सम्पूर्ण लॉकडाउन के बाद लाखों की संख्या में लोग बेरोज़गार हो गए हैं। बेरोज़गार होने वाले लोगों में सबसे ज़्यादा परेशानी झेलने वाला वर्ग दिहाड़ी मजदूरों का है। इनके पास अब काम नहीं हैं, और काम नहीं है तो पैसे नहीं हैं, और पैसे नहीं है तो खाने को खाना भी नहीं है।

दिहाड़ी मजदूरों की ना कोई जमा पूंजी होती है ना ही खानदानी संपत्ति। पैसे कमाने की उम्मीद में ये लोग अपने गाँव से बड़े राज्यों के शहरों की ओर पलायन कर जाते हैं। लेकिन लॉकडाउन के सरकारी फरमान के बाद सभी फैक्टरियों से लेकर दुकानों को बन्द करने की मजबूरी ने एक झटके में इनसे इनकी नौकरियां छीन ली।

सरकार अपनी ओर से हर प्रयास कर रही है की कोई भूखा ना मरे, लेकिन संसाधन की कमी के कारण हर व्यक्ति तक मदद पहुंचना भी संभव नहीं दिख रहा है।

ऐसे समय में कई लोग ऐसे हैं जिन्हीने मदद के लिए अपना हाथ आगे बढ़ाया है। गरीबों, मजदूरों तक प्रतिदिन खाना पहुंचाने की जिम्मेदारी इन्होंने अपने सर ले रखी है।

देखें वीडियो

'वॉइस ऑफ अमेरिका' की ग्राउंड रिपोर्ट

भगवान जगन्नाथ का रथ खींचती हैं जो रस्सियाँ, उनके पीछे छिपा है एक आदिवासी समाज!

मोहम्मद शमी को कोर्ट से बड़ा झटका : पत्नी-बेटी को हर महीने देने होंगे 4 लाख रुपये !

जिसे घरों में काम करना पड़ा, आज उसकी कला को दुनिया सलाम करती है – कहानी दुलारी देवी की

सफलता की दौड़ या साइलेंट स्ट्रगल? कोरिया में डिप्रेशन की असली वजह

जहां धरती के नीचे है खजाना, वहां ऊपर क्यों है गरीबी का राज? झारखंड की अनकही कहानी