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बदलने की कवायद बुंदेलखंड की तस्वीर

NewsGram Desk

बुंदेलखंड का जिक्र आते ही समस्याग्रस्त इलाके की तस्वीर उभरती है, क्योंकि आजादी के सात दशक से ज्यादा का वक्त गुजर जाने के बाद भी इस इलाके के लोगों के हिस्से में प्राथमिक सुविधाएं भी नहीं आई है। अब इस क्षेत्र की तस्वीर बदलने के लिए कदमताल तेज हुई है, जो उम्मीद जगाने वाली है । बुंदेलखंड वह इलाका है जिसमें मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के सात-सात जिले कुल मिलाकर 14 जिले आते है। इस क्षेत्र में सबसे बड़ी समस्या पानी की है, योजनाएं -परियोजनाएं खूब बनी, सरकारों से लेकर गैर सरकारी संस्थाओं ने भी इस इलाके को पानीदार बनाने के लिए बजट मंजूर किया, मगर हालात जस के तस है। यही कारण है कि यहां न तो लोग आज भी खेती ठीक से कर पा रहे है और न ही उन्हें पूरे साल पीने का पानी आसानी से मिल पा रहा है। अब केन-बेतवा लिंक परियोजना को मंजूरी मिली है। संभावना इस बात की है कि पानी संबंधी समस्या से इस इलाके केा निजात मिलेगा।

बात स्वास्थ्य सुविधाओं की करें तो कहने के लिए मेडिकल कॉलेज है मगर वे नाकाफी सिद्ध हो रहे है। एक तो गरीबी दूसरी बीमारी के उपचार के लिए सरकारी सुविधाएं न होने पर लोग अपना घर-द्वार से लेकर जमीन तक को बेचने को मजबूर होते है तब कहीं जाकर उन्हें निजी संस्थानों में बेहतर उपचार मिल पाता है। इतना ही नहीं रोजगार के साधन के अभाव में हर साल हजारों परिवार पलायन केा मजबूर होते है। समस्याओं से जूझते इस इलाके में सुविधाएं जुटाने के प्रयास तेज हुए है। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष एवं खजुराहो से सांसद विष्णु दत्त शर्मा ने अपने संसदीय क्षेत्र खजुराहो में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान खोलने, संसदीय क्षेत्र के कटनी में मेडिकल कॉलेज खोलने एवं खजुराहो को सीधी विमान सेवाओं से जोड़े जाने की मांग केंद्रीय मंत्रियों से की है। इसके लिए शर्मा ने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया एवं केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को पत्र लिखे हैं।

पानी की कमी से सूखती नदी (pixabay)

बुंदेलखंड की आबादी लगभग दो करोड़ है और सुविधाएं उंट के मुह में जीरा के समान है। सरकारी सुविधाओं का सिस्तार इस इलाके की तस्वीर को बदल सकता है। इस क्षेत्र में कुछ ही जनप्रतिनिधि ऐसे हुए है जिन्होंने यहां की तस्वीर को बदलने में कसर नहीं छोड़ी है। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष शर्मा ने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया को लिखे पत्र में कहा है कि खजुराहो विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक एवं पर्यटन स्थल है। इसके बावजूद यहां उच्च स्वास्थ्य सुविधाओं का सर्वथा अभाव है। आवश्यकता पड़ने पर यहां के लोगों को उच्च स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए भोपाल अथवा दिल्ली जाना पड़ता है जो कि 500 किलोमीटर से अधिक दूर हैं।

शर्मा ने कहा कि इस संबंध में प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने पत्र लिखकर खजुराहो में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान खोले जाने का निवेदन किया है, जो सर्वथा न्यायसंगत है। खजुराहो में एम्स के लिए उचित वातावरण एवं शासकीय भूमि उपलब्ध है, अत: यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान खोला जाए, ताकि बुंदेलखंड के लोगों को उच्च स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो सकें।

शर्मा ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री सिंधिया को लिखे पत्र में कहा है कि खजुराहो विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। इसके अलावा यहां पन्ना टाइगर रिजर्व और विश्वप्रसिद्ध हीरे की खदानें भी हैं। इसके बावजूद खजुराहो सीधी एवं नियमित उड़ान सेवाओं से जुड़ा नहीं है। इसके कारण यहां आने वाले पर्यटकों को असुविधा होती है साथ ही पर्यटन व्यवसाय पर भी इसका असर पड़ता है।

राजनीतिक विश्लेषक अशोक गुप्ता का कहना है कि बुंदेलखड मे कम ही राजनेता हुए है जिन्होंने यहां की जरुरतों के सामझा। याद आती है सुशीला नैयर की जिन्होंने यहां की तस्वीर बदलने के हर संभव प्रयास किए। एक बार उन्हें बेतवा नदी को नाव से पार करना पड़ा और लोगों की समस्या को जाना तो उन्होंने पुल के लिए प्रयास किए। वह बुंदेलखंड के मर्म को समझने वाली जनप्रतिनिधि थी। अगर खजुराहो के सांसद इस तरह के प्रयास करते है तो उम्मीद की जा सकती है कि यहां के हालात बदलेंगे।(आईएएनएस-PS)

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