ब्लॉग

देश की आजादी के गुमनाम नायकों का सम्मान कर रही है सरकार-अनुराग ठाकुर

NewsGram Desk

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर(Anurag Thakur) ने कहा है कि आजादी के 75 वर्षों तक देश की आजादी को कुछ गिने-चुने लोगों तक ही सीमित कर दिया गया था और उन्हें ही बार-बार देश को आजाद कराने का श्रेय दिया जा रहा था, लेकिन मोदी सरकार पहली बार देश की आजादी के गुमनाम नायकों का सम्मान कर रही है और उनके बलिदान के बारे में देशवासियों को जागरूक भी कर रही है।

आजादी के 75 वें वर्ष को लेकर मनाए जा रहे अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत देश भर में 18 अप्रैल 2022 तक किए गए 25 हजार कार्यक्रमों का जिक्र करते हुए अनुराग ठाकु(Anurag Thakur) र ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम 15 अगस्त 2023 तक जारी रहेंगे।

नदी उत्सव, स्वच्छाग्रह कार्यक्रम, योग दिवस, बाइक रैली, फिट इंडिया कार्यक्रम, रंगोली-निबंध-कविता प्रतियोगिता, देश भर में कई महापुरुषों की याद में गैलरी, पुस्तक का विमोचन, मूर्तियों का अनावरण और संग्रहालयों का उद्धाटन जैसे कार्यक्रमों को गिनाते हुए अनुराग ठाकुर(Anurag Thakur) ने बताया कि डिजिटल ज्योत के जरिए लाखों लोगों ने आजादी के गुमनाम नायकों को सम्मान देने का काम किया हैं।

हाल ही में देश के सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों के योगदान को सम्मानित करने और भावी पीढ़ियों को उनके बारे में बताने के लिए प्रधानमंत्री संग्रहालय का भी उद्घाटन किया गया है। उन्होंने(Anurag Thakur) बताया कि भविष्य के भारत के बारे में अपनी-अपनी सोच बताते हुए एक करोड़ से अधिक बच्चों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पोस्टकार्ड भेजा है।

सामाजिक न्याय पखवाड़े के समापन दिवस पर पार्टी मुख्यालय में मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर(Anurag Thakur) ने कहा आजादी के 75 वर्ष पर भारत सरकार आजादी का अमृत महोत्सव मना रही है, जिसकी शुरूआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मार्च 2021 को गुजरात के साबरमती से की थी। उन्होंने कहा कि यह अमृत काल देश के गुमनाम नायकों को सम्मान देने, लोगों और संस्कृति के गौरवशाली इतिहास को मनाने की मोदी सरकार की एक अनूठी पहल है।

आपको बता दें कि, भाजपा के 42वें स्थापना दिवस 6 अप्रैल 2022 से भाजपा देश भर में सामाजिक न्याय पखवाड़ा मना रही है, जिसका समापन 20 अप्रैल को हुआ है।

आईएएनएस(LG)

भारत का सबसे महंगा आम, पूरे देश में केवल 3 ही पेड़ हैं मौजूद

भारत की पहली महिला पहलवान, जिन्होंने पुरुषों से भी किया मुकाबला

गोविंदा की बहन कामिनी खन्ना ने पति के मौत के बाद अकेले ही संभाला सब

एक वोट देने में कितना रुपया होता है खर्च? कुल चुनावी खर्च जान कर हो जाएंगे हैरान

मई के पहले रविवार के दिन मनाया जाता है वर्ल्ड लाफ्टर डे, जानिए क्यों जरूरी है हंसना