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पलायन करने के लिए मजबूर हिन्दू को ही ठहरा दिया गया ​दंगे के लिए जिम्मेदार!

NewsGram Desk

एक वक्त हुआ करता था जब दंगे पीड़ित हिन्दू को ही दंगे कराने की फर्जी साजिश मे फसाकर उस पर पुलिसया कार्यवाही होती थी। ऐसी घटना पहले उत्तर प्रदेश(UP) से आती थी, लेकिन हाल फिलहाल मे राजस्थान(Rajasthan) से ऐसी घटना सामने आ रही है। आईये जानते है क्या है पूरा मामला ?

क्या है पूरा मामला ?

करौली(Rajasthan) में दो अप्रैल को नव संवत्सर यानि हिन्दू नववर्ष के मौके पर हिन्दूवादी संगठनों ने बाइक रैली(bike rally) निकली। बाइक रैली जब मुस्लिम इलाके से गुजर रही थी, तब वहाँ इस रैली पर पथराव शुरू हो गया। इसके बाद आगजनी की घटना भी सामने आई थी। जानकारी के अनुसार समुदाय विशेष के घरों की छतों पर अब भी भारी संख्या में पत्थर रखे हुए थे। जो की इस घटना को पूर्व नियोजित बताने की ओैर संकेत करती है। आपको बता दे, राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र(Kalraj Mishra) ने भी इस हिंसा को सुनियोजित बताया था। उन्होंने कहा था कि करौली हिंसा के दौरान जिस तरह से पथराव किया गया, उससे साबित होता है कि इसे सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया और इसे रोका जा सकता था।

आपको बता दे कि इस घटना के बाद हिन्दूओ(Hindu) के पलायन की खबरे भी सामने आ रही है। वहाँ हिन्दू समाज के लोग डरे-सहमे हैं। वह लोग दूसरी जगहों पर अपना निवास खोज रहे है। आलम यह है कि जली हुई दुकानों पर ओर घर की दीवारों पर लिखा है, "यह मकान बिकाऊ है। "


जली हुई दुकानों पर ओर घर की दीवारों पर लिखा है, "यह मकान बिकाऊ है। "(Twitter)

इस बीच शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया है। साथ ही साथ राजस्थान(Rajasthan) की अशोक गहलोत सरकार ने प्रशासनिक जाँच के आदेश भी दे दिए है । इसके साथ ही सरकार ने मामले में 15 दिनों के भीतर विस्तृत रिपोर्ट माँगी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक राजस्थान पुलिस(Rajasthan Police) ने मामले में जाँच शुरू करने और 2 अप्रैल को हिंसा भड़काने के आरोप में 105 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

दंगे के लिए केवल हिन्दू जिम्मेदार!

8 अप्रैल 2022 को राजस्थान(Rajasthan) के डीजीपी मोहन लाल लाठेर(Mohan Lal Lather) ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस से मुख्य रूप से हिंसा के लिए हिन्दूओ को जिम्मेदार ठहराने जैसे बयान सामने आये है। दरअसल, डीजीपी मोहन लाल लाठेर ने कहा कि नव संवत्सर को जिस तरह से शोभा यात्रा निकाला गया वो संदिग्ध था औऱ उसमें आपत्तिजनक गाने बजाए गए, इसलिए पथराव हुआ। । लाठेर ने कहा, "ऐसी घटना करौली में हुई क्योंकि 2015 के बाद से इस क्षेत्र में कोई जुलूस नहीं निकाला गया था। पुलिस ने स्थिति की निगरानी के बाद आयोजकों को अनुमति दी थी, लेकिन डीजे के लिए कोई अनुमति नहीं दी गई थी।"

लाठेर ने कहा कि स्थानीय पुलिस(Rajasthan Police) ने रैली के दौरान शांति एवं कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए आवश्यक पुलिस प्रबंध किये गये थे। उन्होंने Mohan Lal Lather) बताया कि अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्र में रैली में शामिल कुछ व्यक्तियों द्वारा उत्तेजनापूर्ण नारेबाजी की गई। इस दौरान बाइक रैली में शामिल लोगों एवं पुलिस अमले पर आस-पास के मकानों व दुकानों से भारी पथराव शुरू हो गया। साथ ही आस-पास के मकानों से करीब 100-150 व्यक्तियों ने लाठी और डंडा लेकर हमला कर दिया। इस हमले में 11 स्थानीय व्यक्तियों के साथ आठ पुलिसकर्मी घायल हो गये। उन्होंने कहा कि इस घटनाक्रम में हुई आगजनी व तोड़फोड़ से दोनों पक्षों के करीब 80 से अधिक व्यक्तिों की सम्पत्ति को नुकसान हुआ है। इनकी क्षति का आकलन कर राज्य सरकार द्वारा मुआवजा देने की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है।

आपको बता दे, करौली(Rajasthan)में हिंदुओं पर हमले के बाद से कॉग्रेस पर्षद मतलूब अहमद फरार है। कई मीडिया रिपोर्ट मे, इसे हिंसा का मुख्य साजिशकर्ता बताया जा रहा है। जो राजस्थान पुलिस की कार्यवाही पर प्रश्न चिन्ह खड़े करता है। इसके अलावा हिन्दू पलायन के विषय पर बोलने से भी राज्य सरकार बच रही है।

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