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बिजली से चलने वाले चाक से कुम्हारों की 3 से 4 गुना बढ़ी कमाई

NewsGram Desk

कुम्हारों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में खादी ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) की पहल के तहत केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से महाराष्ट्र के नांदेड़ और परभणी जिलों में 100 कुम्हार परिवारों को बिजली से चलने वाले चाक वितरित किए। जिससे वे मिट्टी के बर्तन बनाकर कमाई करेंगे। कुम्हार सशक्तिकरण योजना के तहत अब तक 18 हजार से अधिक कुम्हार परिवारों को बिजली चाक दिया जा चुका है। जिससे अब वे तीन से चार गुना ज्यादा, महीने में दस हजार रुपये तक कमाई करने में सफल हुए हैं। इन कुम्हारों को केवीआईसी ने बिजली से चलने वाले चाक से मिट्टी के बर्तन बनाने के लिए 10 दिनों का प्रशिक्षण भी दिया है।

जिन कुम्हारों को नितिन गडकरी ने बुधवार को चाक वितरित किए गए हैं, वह 15 गांवों के हैं, जिनमें से 10 गांव नांदेड़ से और 5 गांव परभणी जिले से हैं। बिजली चालित चाक वितरित किए जाने से कुम्हार समुदाय के कम से 400 सदस्य लाभान्वित होंगे, क्योंकि इससे ना सिर्फ कुम्हारों की उत्पादकता बढ़ेगी, बल्कि उनकी आय में भी वृद्धि होगी।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कुम्हार सशक्तिकरण योजना की प्रशंसा करते हुए कहा, "यह आजादी के बाद पहला अवसर है, जब देश के कुम्हारों की आजीविका को बेहतर करने और उन्हें सशक्त करने के लिए कोई विशेष पहल की गई है। उपेक्षित कुम्हार समुदाय को सशक्त कर मिट्टी के बर्तन बनाने की कला को लुप्त होने से बचाना प्रधानमंत्री मोदी का सपना है।"

बिजली से चलने वाली चाक से कुम्हारों की आमदनी बढ़ी है। (सांकेतिक चित्र, Wikimedia Commons)

गडकरी ने कहा, "कुम्हार सशक्तिकरण योजना के अंतर्गत उत्पादन से जुड़े आधुनिक उपकरण और इससे उत्पादन हेतु व्यवस्थित प्रशिक्षण से कुम्हारों की आय में कई गुना की वृद्धि हुई है। इस योजना को आने वाले समय में महाराष्ट्र के अन्य सुदूरवर्ती क्षेत्रों और अन्य राज्यों में भी लागू किया जाएगा। कारीगरों ने बताया कि बिजली चालित चाक की मदद से उनकी उत्पादकता बढ़ी है और आय में 3-4 गुना की वृद्धि हुई है।"

केवीआईसी अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने कहा, "देश भर में अब तक 18,000 से अधिक बिजली चालित चाक वितरित किए जा चुके हैं, जिससे कुम्हार समुदाय के लगभग 80,000 लोग लाभान्वित हो रहे हैं। कुम्हार सशक्तिकरण योजना के चलते कुम्हारों की आय 3000 रुपये प्रति माह से बढ़कर लगभग 10,000 रुपये प्रति माह तक पहुंच गई है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य देश के प्रत्येक कुम्हार को सशक्त करना है और केवीआईसी इस लक्ष्य को हासिल करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।"(आईएएनएस)

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