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Lee के बयान पर छाया मंत्रिमंडल ने सरकार को दिखाया आइना!

Swati Mishra

हालही में सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग (Lee Hsien Loong) का एक बयान सामने आया है। जिस पर भारत सरकार ने अपनी आपत्ति व्यक्त की है। भारत सरकार ने ली के आरोपों की आलोचना की है। आइए जानते हैं, क्या है पूरा मामला।

एक शहर और राज्य में लोकतंत्र को कैसे काम करना चाहिए, इस विषय पर चर्चा करते हुए सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग ने सिंगापुर की संसद में पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू (Jawahar Lal Nehru) के बारे में बात करते हुए इस तथ्य का उल्लेख किया की मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आज भारत में बहुत सारे लोकसभा सांसदों के खिलाफ बलात्कार और हत्या के आरोपों सहित कई अपराधिक मामले दर्ज हैं।

जवाहर लाल नेहरू के भारत पर सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग की टिप्पणी के तुरंत बाद ही, भारत सरकार द्वारा इस टिप्पणी पर आपत्ति व्यक्त की गई।

यहां हम आपको बताना चाहते हैं कि छाया मंत्रिमंडल (Shadow Cabinet India) ली की इन बातों का समर्थन करता है। अगर तथ्यों के आधार पर देखा जाए तो ली ने भारत के लोकसभा सांसदों के लिए जो कहा वो गलत नहीं है। जब कोई देश एक बड़ी उपलब्धि हासिल करता है तो उसके पीछे कई महान पुरुषों का निस्वार्थ संघर्ष जुड़ा हुआ होता है। उसके पीछे एक ऐसी विचारधारा के लोग जुड़े होते हैं, जिनके संघर्ष, संकल्प के कारण ही देश सही पथ पर अग्रसर होता है। जैसे: सरदार वल्लभ भाई पटेल, लाल बहादुर शास्त्री, महात्मा गांधी आदि। लेकिन यहां समझने वाली बात यह है कि एक समय के बाद वह विचारधारा खत्म होने लगती है। ली द्वारा भारत को पुनः स्मरण कराया गया है कि हमें अपने विरासत में मिली चीजों की रक्षा करनी चाहिए।

छाया मंत्रिमंडल (Shadow Cabinet India) भारत सरकार से यह बताना चाहता है कि ली ने कुछ गलत नहीं कहा है, बल्कि उन्होंने हमें हमारे महापुरुषों के सिद्धातों और उन्हीं विचारों पर वापस लौटने के लिए प्रेरित किया है, जो हम समय के साथ – साथ खोते जा रहे हैं।

ली की बातों का खंडन करने की बजाय हमें अपनी व्यवस्था को ठीक करने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए। अगर सही मायनों में देखा जाए तो हमारे देश की राजनीति डगमगाई हुई है। राजनीतिक पार्टियां गिरोह बन गई हैं, जो केवल भ्रष्टाचार, कालाबाजारी, चंदचोरी को बढ़ावा दे रही है। और कुछ बीतें वर्षों में जिस चीज ने सबसे अधिक भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया है, वो है इलेक्टोरल बॉन्ड (Electoral Bonds)। आज इसी के कारण मंदिर माने जानें वाले संसद में काले चंदे को बढ़ावा दिया जा रहा है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक देखा जाए तो BJP के 35 प्रतिशत और कांग्रेस के 57 प्रतिशत लोकसभा सांसदों के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज हैं। स्थिति इतनी खराब है कि सुप्रीम कोर्ट के बार – बार कहने के उपरांत भी राजनीतिक दल दागी नेताओं को टिकट देने पर रोक नहीं लगा रही है। भ्रष्टाचार (Corruption) अवधारणा सूचकांक (CPI) 2021 में 180 देशों की सूची में भारत को 85वां स्थान मिला है। ADR के रिपोर्ट के मुताबिक देखा जाए तो करीब 363 सांसद व विधायक, आरोंपों का सामना कर रहे हैं। वर्ष 2019 में भी ADR ने 539 सांसदों के शपथपत्रों का विश्लेषण किया, जिसमें 233 सांसदों के ऊपर अपराधिक मामले दर्ज होने की जानकारी मिली।

यह वह स्थिति है हमारे देश की जहां जनता की सेवा करने वाला ही अपराधों से घिरा हुआ है। स्थिति इतनी गिर गई है कि ये राजनीतिक पार्टियां सुप्रीम कोर्ट की भी नहीं सुनती हैं। लोकतंत्र आज खतरे में हैं, देखा जाए तो जनता द्वारा चुनी गई सरकार, जनता के प्रति जवाबदेह नहीं होना चाहती हैं और इसका जीता – जागता उदाहरण है RTI (Right To Information), राजनीतिक दल RTI के तहत आने को तैयार नहीं है। ऐसे में Shadow Cabinet India का कहना है कि ली ने जो कुछ कहा वो गलत नहीं है, वह एक ऐसा सत्य है जिसे सुन कर भारत के लोकसभा सांसद तिलमिला गए हैं।

Shadow Cabinet India (छाया मंत्रिमंडल) राजनीतिक मंच है। जो देश में चुनावी सुधारों व अन्य सुधारों के लिए काम करता है, जनता को जागरूक करता है।

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