पुरे विश्व में आज ही के दिन विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है। (Wikimedia Commons) 
ब्लॉग

पूरा विश्व आज विश्व हिंदी दिवस मनाता है, जाने क्यों ?

Saksham Nagar

हिंदी(Hindi) मात्र भाषा नहीं बल्कि एक पहचान है। यह वह पहचान है जिसके बिना किसी भारतीय की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। परन्तु आज हिंदी भाषा अपनी पहचान(Identity) खोती जा रही है। इसी पहचान(Identity) को जीवित रखने के लिए हम आज ही के दिन दुनिया भर में विश्व हिंदी दिवस मनाते हैं।

दुनिया भर में एक अंतरराष्ट्रीय भाषा के रूप में हिंदी के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस(World Hindi Day) के रूप में मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से विदेशों में भारतीय दूतावासों द्वारा मनाया जाता है।

इतिहास:

वर्ष 1975 में, पहला विश्व हिंदी सम्मेलन(World Hindi Conference) 10 जनवरी को महाराष्ट्र के नागपुर में हुआ था। सम्मेलन का उद्घाटन तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी ने किया था और इसमें कुल 30 देशों की भागीदारी देखी गई थी।

और 2006 में, पूर्व प्रधान मंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने घोषणा की कि हर साल 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस(World Hindi Day) के रूप में मनाया जाएगा। यह भी पहली बार था कि विदेश मंत्रालय ने विदेश में दिवस मनाना शुरू किया।

उद्देश्य:

हिंदी को एक अंतरराष्ट्रीय भाषा के रूप में जागरूकता फैलाने के अलावा, विश्व हिंदी दिवस भी भाषा के प्रति जुनून पैदा करने पर जोर देता है। अंग्रेजी, स्पेनिश और मंदारिन के बाद हिंदी विश्व स्तर पर चौथी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। भारत में, यह अंग्रेजी के साथ दो आधिकारिक भाषाओं में से एक है।

विश्व हिंदी दिवस राष्ट्रीय हिंदी दिवस से कितना अलग है?

अक्सर लोग विश्व हिंदी दिवस को राष्ट्रीय हिंदी दिवस समझ लेते हैं। राष्ट्रीय हिंदी दिवस, जो हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है, 1949 में भारत की संविधान सभा द्वारा हिंदी को आधिकारिक भाषाओं में से एक के रूप में अपनाने की याद दिलाता है।

हिंदी भाषा के महत्व को बताते कुछ प्रसिद्ध उदाहरण

"एक राष्ट्र राष्ट्रभाषा के बिना गूंगा है": महात्मा गांधी

"हिंदी भारतीय संस्कृति की आत्मा है": कमलापति त्रिपाठी

"हिंदी किसी एक राज्य की भाषा नहीं है बल्कि देश में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है": विलियम केरी

"हिंदी के प्रचार और विकास को कोई नहीं रोक सकता": पंडित गोविंद बल्लभ पंत

न्यूज़ग्राम के साथ Facebook, Twitter और Instagram पर भी जुड़ें!

भगवान जगन्नाथ का रथ खींचती हैं जो रस्सियाँ, उनके पीछे छिपा है एक आदिवासी समाज!

मोहम्मद शमी को कोर्ट से बड़ा झटका : पत्नी-बेटी को हर महीने देने होंगे 4 लाख रुपये !

जिसे घरों में काम करना पड़ा, आज उसकी कला को दुनिया सलाम करती है – कहानी दुलारी देवी की

सफलता की दौड़ या साइलेंट स्ट्रगल? कोरिया में डिप्रेशन की असली वजह

जहां धरती के नीचे है खजाना, वहां ऊपर क्यों है गरीबी का राज? झारखंड की अनकही कहानी