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कहाँ हैं 2017 में FIFA U-17 World Cup में हिस्सा लेने वाले भारतीय टीम के खिलाड़ी?

NewsGram Desk

By – रोहित मुंडेयुर

भारत में 2017 में हुए फीफा अंडर-17 विश्व कप (FIFA U-17 World Cup) में हिस्सा लेने वाली भारतीय टीम के खिलाड़ियों से सभी को काफी उम्मीदें थीं। कई लोगों का मानना था कि यह युवा खिलाड़ी काफी आगे जाएंगे।

भारत ने उस अंडर-17 विश्व कप के सभी मैच हारे थे। उस टीम के सदस्य जैक्सन सिंह ने इतिहास रचा था क्योंकि वह भारत की तरफ से किसी भी स्तर पर फीफा विश्व कप में गोल करने वाले इकलौते भारतीय खिलाड़ी थे। उन्होंने कोलंबिया के खिलाफ गोल किया था। यह मैच कोलंबिया ने 2-1 से जीता था। जैक्सन इस समय आईएसएल में केरला ब्लास्टर्स के लिए खेल रहे हैं। इस टीम में उनके साथ केपी राहुल हैं जो विश्व कप टीम का हिस्सा थे।

सभी को एक साथ रखने के लिए निकाला रास्ता

अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (एआईएफएफ-AIFF) ने अंडर-17 विश्व कप के सभी खिलाड़ियों को एक साथ रखने के लिए एक रास्ता बनाया। एआईएफएफ (AIFF) ने इंडियन एरोज की एक डेवलपमेंट टीम बनाई, ताकि इन सभी को एक साथ रखा जा सके। टीम आई-लीग में खेलती है। उस समय विंगर कमल थाटल इस टीम के इकलौते ऐसे खिलाड़ी रहे जिसने आईएसएल का रूख किया और एटीके से करार किया। इंडियन एरोज तो आई-लीग में रही लेकिन तब से खिलाड़ी इससे बाहर निकल लिए। अधिकतर लोग इसमें से आईएसएल की अलग-अलग टीमों में खेले हैं।

अंडर-17 विश्व कप (FIFA U-17 World Cup) में भारत की टीम के सहायक कोच रहे ह्यूगो माटिर्ंस ने आईएएनएस से कहा, "मुझे लगता है कि क्लब इन खिलाड़ियों के विकास के लिए सबसे सही जगह है। अगर उन्हें क्लब स्तर पर मौके नहीं मिलते हैं तो वह राष्ट्रीय टीम में नहीं खेल पाएंगे। इस उम्र में जरूरी है कि वह मैच खेलें। इंडियन एरोज का विचार काफी अच्छा था इससे उन्हें सीनियर स्तर पर खेलना का अनुभव मिला।"

2017 में हुए फीफा अंडर-17 विश्व कप में हिस्सा लेने वाली भारतीय टीम। (Twitter)

भारत के पूर्व खिलाड़ी गौरामांगी सिंह ने आईएएनएस से कहा, "युवा स्तर से सीनियर टीम में आना आसान नहीं है। यह किसी भी फुटबालर के करियर का काफी अहम फेज है।"

पूर्व गोलकीपर ब्राहम्मानंद संखवाल्कर ने इन युवा खिलाड़ियों को व्यस्त रखने का एक विचार सुझाया है। उन्होंने कहा, "एक ऐसा सिस्टम होना चाहिए जहां यह अंडरएज खिलाड़ियों को कोरिया, जापान जैसे देशों के उनकी ही आयुवर्ग के खिलाड़ियों के साथ खेलने का मौका मिले ताकि वह अच्छे खिलाड़ियों के साथ खेल सकें। अभी भारत के युवा खिलाड़ी आईएसएल में खेल रहे हैं लेकिन उन्हें पूरे साल हर सप्ताह खेलना चाहिए।"

अमरजीत सिंह कियाम

विश्व कप को तीन साल हो चुके हैं और 21 में सिर्फ एक खिलाड़ी- कप्तान अमरजीत सिंह कियाम ने ही राष्ट्रीय टीम में जगह बनाई है जबकि बाकी के खिलाड़ी राष्ट्रीय और राज्य स्तर की लीग में ही खेल रहे हैं। अमरजीत ने भारत के लिए पांच मैच खेले हैं। उन्होंने अपना पहला मैच पिछले साल जून में खेला था जबकि बाकी के 20 खिलाड़ियों ने आई-लीग और आईएसएल से आगे तक का सफर तय नहीं किया है।

अमरजीत सिंह कियाम। (Amarjit singh, Facebook)

अमरजीत ने पिछले साल पांच जुलाई को किंग्स कप में कारकुआ के खिलाफ पदार्पण किया। वह प्रणॉय हल्दार के सब्सीट्यूट के तौर पर आए थे। क्लब स्तर पर उन्होंने और उनकी टीम के कई साथियों ने इंडियन एरोज से खेला, लेकिन अब कई आईएसएल में आ गए हैं।

संजीव स्टालिन

अंडर-17 टीम के डिफेंस में अहम योगदान निभाने वाले संजीव स्टालिन 2019-20 तक आई-लीग में एरोज की रक्षापंक्ति की कमान संभाल रहे थे। फरवरी में उन्होंने पुर्तगाल के क्लब सीडी एवेस के साथ करार किया। कोविड-19 के कारण हालांकि क्लब संकट में फंस गया और बीमा संबंधी भुगतान न करने पर अपनी सभी सुविधाएं खो बैठा। उन्होंने बाद में पुर्तगाल के तीसरी श्रेणी के क्लब सेटार्नेंनसे के साथ अगस्त में करार किया लेकिन वह अभी तक क्लब के लिए खेल नहीं पाए हैं।

अनवर अली

सेंटर बैक अनवर अली अंडर-17 टीम के दूसरे ऐसे खिलाड़ी बन सकते थे जो राष्ट्रीय टीम के लिए खेलते लेकिन दिल की बीमारी के कारण वह यह मौका छोड़ बैठे। अली किंग्स कप, इंटरकोंटिनेनटल कप और विश्व कप क्वालीफायर्स की संभावित टीम का हिस्सा थे। वह एक भी मैच नहीं खेले और फिर बीमारी के बाद एआईएफएफ ने उन्हें फुटबाल में करियर बनाने से मना कर दिया। अली ने दिल्ली हाई कोर्ट में एआईएफएफ की सिफारिश के खिलाफ याचिका डाली और उन्हें फौरी तौर पर खेलने की अनुमति मिल गई , लेकिन एआईएफएफ के अंतिम फैसल के बाद वह नहीं खेल पाए। उन्होंने आखिरी बार चार दिसंबर को हिमाचल लीग में कदम रखा था।

अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए – Open-Air Hockey Rink With The stunning backdrop of the Himalayas In Spiti Valley

धीरज सिंह

गोलकीपर धीरज सिंह ने अपने खेल से काफी प्रभावित किया था। उन्हें स्कॉटिश प्रीमियरशिप क्लब मदरवेल ने ट्रायल्स के लिए बुलाया था और तीन साल का करार भी करने को तैयार था लेकिन धीरज को वर्क परमिट नहीं मिल सका और वह वापस आ गए। धीरज ने फिर आईएसएल क्लब केरला ब्लास्टर्स के साथ करार किया और 2018-19 सीजन में 13 मैच खेले। अगले सीजन उन्होंने एटीके के साथ करार किया और इस सीजन भी वह क्लब के साथ हैं।

प्रभसुखन गिल और सन्नी धालीवाल

अंडर-17 टीम के अन्य दो गोलकीपर प्रभसुखन गिल और सन्नी धालीवाल थे। अमरजीत के जाने के बाद से गिल एरोज की प्राथमिकता थे और 2018-19 सीजन तक टीम के साथ थे। इसके बाद उन्होंने बेंगलुरू एफसी का दामन थामा और गुरप्रीत सिंह संधू के सानिध्य में रहे। इस सीजन वह केरला ब्लास्टर्स में आ गए। क्लब के साथ अभी तक उन्हें अपना पहला मैच खेलना है। धालीवाल जो भारतीय मूल के कनाडियन खिलाड़ी थे वह वापस कानाडा लौट गए और टोरोंटो एफसी के लिए खेले। अब वह अमेरिका के जॉर्ज मेसन पैट्रियोट्स के लिए खेल रहे हैं।

यह 2017 फीफा अंडर-17 विश्व कप (FIFA U-17 World Cup) में हिस्सा लेने वाली भारतीय टीम के मुख्य खिलाड़ी थे जिन्होंने सभी का ध्यान खींचा था। (आईएएनएस)

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