भारत में अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर हिन्दुओं पर ज़हर उगलना आम बात हो चुकी है। AMU के पूर्व छात्र नेता शरजील उस्मानी (Sharjeel Usmani) ने 30 जनवरी 2021 को पुणे में हुए यलगार परिषद के कार्यक्रम में कुछ ऐसा ही किया। शरजील उस्मानी ने न सिर्फ हिन्दू धर्म को सड़ा हुआ कहा बल्कि युद्ध की चेतावनी भी दे दी। उस्मानी ने कहा कि "हिन्दुस्तान में हिन्दु समाज सड़ चुका है। जुनैद को चलती ट्रेन में मारते हैं, कोई बचाने नहीं आता है। ये जो लोग लिंचिंग करते हैं, कत्ल करते हैं। वह कत्ल करने के बाद अपने घर जाते होंगे तो क्या करते होंगे अपने साथ? नए तरीके से हाथ धोते होंगे, कुछ दवा मिलाकर नहाते होंगे। क्या करते हैं ये लोग? कि वापस आकर हमारे बीच खाना खाते हैं। उठते-बैठते हैं, फिल्म देखते हैं।
अगले दिन फिर किसी को पकड़ते हैं, फिर कत्ल करते हैं और आम ज़िन्दगी जीते हैं। अपने घर में मोहब्बत भी कर रहे हैं, अपने बाप का पैर भी छू रहे हैं, मंदिर में पूजा भी कर रहे हैं, फिर बाहर आकर यही करते हैं। लिंचिंग को आम बना दिया है।" शरजील उस्मानी ने यहाँ तक कहा कि "हम जंग के बीच में जी रहे हैं और मुझे भारतीय न्यायपालिका में विश्वास नहीं है। मुझे भारतीय राज्य पर विश्वास नहीं है।"
अब सवाल यह कि क्या शिवसेना को अपने राज्य में चल रहे देश विरोधी कार्यक्रम की खबर नहीं थी? और अगर थी तो अब तक शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे खामोश क्यों हैं? शिवसेना पर विपक्ष ही नहीं बल्कि महाराष्ट्र एवं देश की जनता भी सवाल पूछ रही है कि "अगर बाला साहब ठाकरे होते तो यह घटना होती?"
भाजपा नेता एवं महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने महाराष्ट्र सरकार से कड़ी करवाई की मांग की है। यह ही नहीं देश के विभिन्न राज्यों में शरजील उस्मानी के खिलाफ FIR दर्ज कराया जा रहा है।
आपको बता दें की शरजील उस्मानी वही छात्र नेता है जिसपर नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हुए आंदोलन में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में हिंसा फ़ैलाने का आरोप लगा था और वह इसी हिंसा के लिए जेल भी जा चु का है। और ऐसा नहीं है कि उस्मानी ने पहली या दूसरी बार भड़काऊ बयान दिया हो, वह विभिन्न मंचों से हिन्दू और देश के खिलाफ भाषण दे चुका है। इस तथाकथित नेता ने यह भी कहा था कि 'बाबरी दोबारा बनाएँगे', जो कि सर्वोच्च न्यायलय द्वारा लिए गए फैसले की अवमानना है।
ABP न्यूज़ चैनल के वरिष्ठ पत्रकार विकास भदौरिया ने ट्वीट के जरिए शरजील उस्मानी को आड़े-हाथ लिया। उन्होंने उस्मानी का वीडियो साझा कर यह लिखा कि "एल्गार परिषद पुणे में एएमयू के छात्र शरजील उस्मानी का विवादास्पद,भड़काऊ बयान, कहा "हिंदू समाज पूरी तरह से सड़ चुका है लिंचिंग करता है", सवाल ये कि इस धार्मिक उन्मादी को कासगंज के चंदन गुप्ता का हत्यारा सलीम और आईबी अफ़सर अंकित गुप्ता का हत्यारा ताहिर हुसैन क्यों नहीं दिखता "