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केंद्र सरकार की प्रेरणा से देश में गति पकड़ते इलेक्ट्रिक वाहनों का बाज़ार

NewsGram Desk

केंद्र सरकार द्वारा इलेक्ट्रिक वाहन बनाने की प्रेरणा मिलने के बाद देश में कई वाहन स्टार्टअप कंपनियों(Vehicle Startup Companies) ने जन्म लिया है और हमें देश में दिन पर दिन अच्छी-अच्छी इलेक्ट्रिक वाहन(Electric Vehicles) देखने को मिल रहे हैं।

हमारे देश में पिछले कुछ वर्षों से नाटकीय ढंग से इलेक्ट्रिक वाहनों के बाज़ार में इज़ाफ़ा हुआ है और एथर एनर्जी,ओला इलेक्ट्रिक,ओकिनावा तथा बाउंस जैसे ब्रांड आधुनिक तरीके से अपने उत्पादों का विस्तार कर रहे हैं। इससे हमारे देश में नए दौर के प्रौद्योगिकी की शुरुआत हुई है तथा इन कंपनियों ने शोध एवं विकास में भी काफी निवेश किया है ताकि ये इनके ग्राहकों की उम्मीदों पर खरे उतर सकें।

एथर एनर्जी ने इस वर्ष अक्टूबर में सबसे तेज़ मासिक प्रगति दर्ज की है। कंपनी की सेल में पिछले वर्ष से 12 गुना ज़्यादा बढ़ोतरी हुई है और कंपनी 10 करोड़ अमेरिकी डालर आमदनी का लक्ष्य हासिल करने की दिशा में अग्रसर है।

कंपनी के सीईओ और सह संस्थापक तुषार मेहता ने एक मीडिया एजेंसी को बताया हम अपनी उत्पादन और सञ्चालन क्षमता को बढ़ाने के लिए अगले पांच वर्षों में 650 करोड़ का निवेश करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके अलावा कंपनी अपने खुदरा कारोबार को बढ़ावा देने के लिए मार्च 2023 तक 100 शहरों में 150 एंक्सपीरिएंस सेंटर को विस्तारित करने का लक्ष्य रखा है।

आने वाले इलेक्ट्रिक वाहनों के युग को देखते हुए यह भारत की अर्थव्यवस्था के लिए एक अच्छी बात है। (Wikimedia Commons)

देश में दोपहिया वाहन उद्योग में पिछले दो दशकों में आंतरिक दहन इंजन में सीमित नवाचार हुआ था और इससे इस क्षेत्र में नए खिलाड़ियों को आने तथा फलने फूलने का मौका मिला है।

देश में उपभोक्ताओं को ऐसे वाहनों की दरकार है जो आधुनिक तक नीक युक्त हो तथा जिन्हें चलाने और रखरखाव में ज्यादा दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़े। उभरते स्टार्टअप ने ग्राहकों की मांग को देखते हुए उनकी इच्छाओं के अनुरूप उत्पाद पेश करने में अथक मेहनत की है और इसके नतीजे दिखने भी शुरू हो गए हैं।

इलेक्ट्रिक स्कूटरों की बिक्री में वर्ष 2021 में तीन गुना बढ़ोत्तरी हुई है और इस वर्ष के पहले छह माह में 1.2 लाख से अधिक दो पहिया वाहनों की बिक्री हुई है और अगले तीन से चार वर्षो में बाजार में दो पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत होने का अनुमान है।

बाउंस के सह संस्थापक और सीईओ विवेकानंद हालीकेरे ने बताया यह तो मात्र शुरूआत है और हमें पूरा भरोसा है कि यह उद्योग जल्दी ही ईवी मोबिलिटी की तरफ बढ़ेगा जहां बाजार में ग्राहकों के पास और बेहतर विकल्प होंगे।

इंडिया एनर्जी स्टोरेज एलायंस(आईईएसए) के मुताबिक भारत के ईवी बाजार में वर्ष 2027 तक प्रतिवर्ष 63 लाख से अधिक ऐसे वाहनों की बिक्री का अनुमान है।

सरकार ने भी इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण को बढ़ावा देने और इन्हें अपनाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण पहल की है। सरकार के 'गो इलेक्ट्रिक'अभियान से इस क्षेत्र में नए अवसर सामने आए हैं और अनेक राज्यों ने आगे आकर इस दिशा में कई नीतियां बनाई है तथा लोगों को इस तरह के वाहनों को अपनाने की प्रेरणा दी है। इसी के चलते विभिन्न राज्य सरकारों ने पहले ही विशेष ईवी नीतियों की घोषणा कर दी थी और इनमें दिल्ली , गोवा, महाराष्ट्र और गुजरात सरकारों ने इन वाहनों पर रियायत देने की घोषणा भी की है।

देश में जिस प्रकार दो पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों के बाजार में सुधार हो रहा है उसे देखते हुए अब वैश्विक कंपनियां भी देश में आने को तैयार हैं जो एक सकारात्मक संकेत है।

ओकिनावा ऑटोटेक के संस्थापक और सीईओ जीतेन्दर शर्मा ने कहा देश में इलेक्ट्रिक वाहनों का कारोबार अभी शुरूआती चरण में ही है लेकिन इतना तय है कि यह भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग को भविष्य होगा। हाल ही के महीनों में भारत में दो पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग काफी बढ़ रही है और वर्ष 2022 में इसमें नई ऊंचाइयों को छूने का अनुमान है।

इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने की कड़ी चाहत और सरकार की तरफ से इनके लिए आधारभूत सुविधाओं में इजाफा करने से देश में इलेक्ट्रिक वाहना निर्माता काफी रूचि ले रहे हैं।

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मेहता ने कहा की केंद्र तथा राज्य सरकारों की तरफ से वित्तीय मदद और बाजार में नए खिलाड़ियों के आने , लोगों में जागरूकता के कारण ग्राहकों के सामने कीमतों संबंधी अनेक विकल्प मौजूद हैं।

Input-IANS; Edited By- Saksham Nagar

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