विश्व संगठन की खाद्य और कृषि संगठन (Food and Agriculture Organization or FAO) के अनुसार, विश्व खाद्य कीमतों में नवम्बर के मुकाबले दिसंबर 2021 में थोड़ी गिरावट आई है क्योंकि वनस्पति तेलों और चीनी की अंतरराष्ट्रीय कीमतें ऊंचे स्तर से काफी गिर गई हैं। मगर यदि हम इसकी तुलना दिसंबर 2020 से करें, तो ये अभी भी उससे 23.1 प्रतिशत ज्यादा है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र एजेंसी के वरिष्ठ अर्थशास्त्री अब्दोलरेजा अब्बासियन ने शुक्रवार को यहां एक प्रेस वार्ता में कहा कि वैश्विक अनाज की कीमतें 2012 के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर थीं, जो 2020 की कीमतों से औसतन 27.2 प्रतिशत अधिक है।
अब्बासियन का कहना है कि 2021 में, वनस्पति तेल की कीमतों में 2020 की तुलना में 65.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई, चीनी की कीमतें 2016 के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं, मांस की कीमतें 2020 की कीमतों से 12.7 प्रतिशत अधिक थीं और डेयरी की कीमतें 2020 की तुलना में 16.9 प्रतिशत अधिक थीं।
FAO की रिपोर्ट के अनुसार, सबसे ज्यादा लाभ मक्के (44.1 फीसदी) और गेहूं (31.3 फीसदी) की तेजी के साथ रहा। वहीं चावल की कीमत में 4 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली।
दूसरी तरफ पूरे साल के लिए, तेल सूचकांक 2020 की तुलना में 65.8 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ अभी तक के सबसे उच्च स्तर पर पहुंच गया।
बता दें कि वैश्विक आयात मांग कम होने के कारण दिसंबर में वनस्पति तेल मूल्य सूचकांक में 3.3 प्रतिशत की गिरावट आई है।
अब्बासियन ने कहा, 2020 की अंतिम तिमाही के बाद से कीमतों में मासिक वृद्धि उत्पादकों के लिए अधिक उत्पादन करने का संकेत थी, लेकिन 2022 में समायोजन दिखाई देगा या नहीं, यह कई कारकों पर निर्भर करता है, जिसमें महामारी के नतीजे, उर्वरकों की लागत और जलवायु की स्थिति शामिल है। (आईएएनएस)
Input: IANS ; Edited By: Manisha Singh