ब्लॉग

फिल्म और टीवी के पर्दे पर नेताजी की बहादुरी के किस्से

NewsGram Desk

नेताजी सुभाषचंद्र बोस की 125वीं जयंती 23 जनवरी को पूरे देश में मनाई जाएगी। वह भले ही आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी बहादुरी के किस्से हमें आज भी उनकी याद दिलाती है। कभी नस्लवादी टिप्पणी के लिए अपने प्रोफेसर ईएफ ओटेन की पिटाई करने के चलते कोलकाता के प्रतिष्ठित प्रेसिडेंसी कॉलेज से निष्कासित होना, तो कभी एल्गिन रोड पर स्थित अपने आवास में नजरबंदर नेताजी का एक मुस्लिम बीमा एजेंट का भेष लेकर खुफिया अधिकारियों को चकमा देकर भाग जाना, तो कभी अफगानिस्तान और सोवियत संघ के रास्ते उनका जर्मनी तक पहुंचना — ऐसे कई किस्से हैं, जो हमें उनकी वीरता और शौर्यता की याद दिलाती है। इस काम को बॉलीवुड और टेलीविजन की दुनिया ने भी बखूबी निभाया है, जिनके द्वारा समय-समय पर नेताजी की वीर गाथाएं हमारे सामने पेश की जाती रही हैं। ऐसे ही कुछ प्रयासों पर नजर डालते हैं, जिन्हें नेताजी की जिंदगी के आधार पर दर्शकों के सामने प्रस्तुत किया गया है।

बोस डेड/अलाइव

साल 2017 में पेश की गई यह मिनी सीरीज साल 2012 में आई अनुज धर की किताब 'इंडियाज बिगेस्ट कवर-अप' पर आधारित रही है। हंसल मेहता इसके किएटिव प्रोड्यूसर रहे हैं और एकता कपूर ने यह सीरीज बनाई थी। मशहूर अभिनेता राजकुमार राव को इसमें नेताजी के रूप में पेश किया गया था।

नेताजी सुभाष चंद्र बोस : द फॉरगॉटन हीरो

श्याम बेनेगल की प्रस्तुत की गई इस बायोपिक में सचिन खेड़ेकर शीर्षक भूमिका में नजर आए थे। साल 2004 में रिलीज हुई यह फिल्म अब तक नेताजी पर बनी सबसे बड़ी फिल्म प्रोडक्शन रही है। इसमें नेताजी के दृष्टिकोण से देश की आजादी की लड़ाई को दर्शाने का प्रयास किया गया था। बेनेगल की यह कोशिश दर्शकों को काफी पसंद भी आई थी और बीएफआई लंदन फिल्म फेस्टिवल में फिल्म को खूब सराहा भी गया था।

इन परियोजनाओं के अलावा, साल 2017 में आई तिग्मांशु धूलिया की फिल्म 'राग देश', 1966 में आई पीयुष बोस की फिल्म 'सुभाष चंद्र' और साल 2019 में ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर आधारित बंगाली सीरीज 'नेताजी' में भी देश के प्रति नेताजी की भावनाओं, उनकी सोच, उनकी निडरता और दृढ़ निश्चयता को पर्दे पर बखूबी पेश किया गया है, जिन्हें देखकर देशवासियों को नेताजी की याद तो आती ही है और कुछ बेहतर कर गुजरने के उत्साह का भी संचार होता है। (आईएएनएस )

डॉ. मुनीश रायज़ादा ने बिजली के बढ़े हुए बिलों के मुद्दे को हल करने में विफल रहने के लिए आप सरकार की आलोचना की

भारतीय लिबरल पार्टी (बीएलपी) दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में सभी 70 विधानसभाओं पर चुनाव लड़ेगी

कभी रहे खास मित्र, अब लड़ रहे केजरीवाल के खिलाफ चुनाव। कौन हैं मुनीश रायज़ादा?

नई दिल्ली विधानसभा (AC - 40) से केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे डा मुनीश रायज़ादा

भारतीय लिबरल पार्टी (बीएलपी) के अध्यक्ष डॉ. मुनीश रायज़ादा ने शहर में प्रदूषण के मुद्दे को हल करने में विफलता के लिए आप सरकार को ठहराया जिम्मेदार।