रेटिंग एजेंसी क्रिसिल रेटिंग्स की ओर से जारी रिपोर्ट में कहा गया कि एनबीएफसी के एयूएम में तेज वृद्धि की वजह खपत में वृद्धि, जीएसटी सुधार और महंगाई में कमी आना है।
यह सभी कारक मिलकर रिटेल क्रेडिट डिमांड (Credit Demand) को बढ़ावा दे रहे हैं। हालांकि, अलग-अलग कंपनियों की जोखिम क्षमता और फंडिंग तक पहुंच सेक्टर के ग्रोथ आउटलुक को प्रभावित करेगी।
क्रिसिल रेटिंग्स के मुख्य रेटिंग अधिकारी कृष्णन सीतारमन ने कहा, "एनबीएफसी कंपनियों में कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच व्हीकल फाइनेंस और होम लोन में लगातार वृद्धि देखी जाएगी। हालांकि, ग्राहक लीवरेज में वृद्धि पर सावधानी बरतते हुए, एनबीएफसी विशेष रूप से सूक्ष्म, मध्यम और लघु उद्यमों (एमएसएमई) और असुरक्षित लोन क्षेत्रों में रिस्क-कैलिब्रेटेड विकास को अपनाएंगे।"
रिपोर्ट में कहा गया कि वित्त वर्ष 26 और वित्त वर्ष 27 में व्हीकल फाइनेंस सेगमेंट 16-17 प्रतिशत और होम लोन सेगमेंट 12-13 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है।
जीएसटी से मिले प्रोत्साहन के अलावा खरीदारों के बीच प्रीमियम वाहनों के लिए बढ़ती प्राथमिकता और सेकंड हैंड व्हीकल फाइनेंस पर ध्यान केंद्रित करने से इस क्षेत्र में एयूएम वृद्धि को समर्थन मिलेगा, भले ही नए वाहनों में बैंकों के साथ प्रतिस्पर्धा मजबूत बनी हुई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि अंतिम उपयोगकर्ता आवास की दीर्घकालिक मांग मजबूत बनी हुई है, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से कड़ी प्रतिस्पर्धा से विकास प्रभावित होगा।
रिपोर्ट के अनुसार, पर्सनल लोन सेगमेंट का एयूएम 22-25 प्रतिशत, असुरक्षित बिजनेस लोन सेगमेंट 13-14 प्रतिशत की ग्रोथ दिखा सकता है।
(BA)