संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि 2015 के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए, 5G Auctions के पहले दिन मंगलवार को सरकार को चार दावेदारों से 1.45 लाख करोड़ रुपये की बोली मिली। उन्होंने कहा, पहले दिन की बोलियां सभी उम्मीदों से अधिक और 2015 के रिकॉर्ड को पार कर गईं।
वैष्णव ने कहा कि चार बोलीदाता रिलायंस जियो, भारती एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया और एक अदानी समूह की फर्म हैं और उनकी भागीदारी 'मजबूत' थी।
मंत्री के अनुसार, पहले दिन चार दौर की बोली लगाई गई, जिसमें सबसे ज्यादा दिलचस्पी मिड और हाई-एंड बैंड में और 3300 मेगाहट्र्ज और 26 गीगाहट्र्ज बैंड में थी। उन्होंने कहा कि 700 मेगाहट्र्ज बैंड के लिए भी बोलियां मिली हैं।
किस कंपनी ने कौन सा स्पेक्ट्रम हासिल किया, यह पूरी प्रक्रिया समाप्त होने पर ही पता चलेगा, क्योंकि नियम किसी भी जल्दी प्रकटीकरण को मना करते हैं।
वैष्णव ने यह भी कहा कि सरकार 14 अगस्त की समय सीमा के अनुसार रिकॉर्ड समय में स्पेक्ट्रम आवंटित करेगी और सितंबर तक 5जी सेवाएं शुरू होने की उम्मीद है।
नीलामी में 600, 700, 800, 900, 1800, 2100, 2300, 2500, 3300 मेगाहट्र्ज और 26 गीगाहर्ट्ज बैंड शामिल हैं।
दौड़ में शामिल चार बड़े खिलाड़ियों ने संयुक्त रूप से 21,400 करोड़ रुपये बयाना जमा (EMD) में जमा किए हैं, और मेगा बोली के लिए अपनी वॉर चेस्ट और रणनीतियों के साथ तैयार हैं, जो कि लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपये होने की संभावना है यदि अंतिम दो नीलामियों को ध्यान में रखा जाता है।
रिलायंस जियो इंफोकॉम ने 14,000 रुपये का EMD जमा किया है जबकि भारती एयरटेल ने 5,500 करोड़ रुपये का निवेश किया है।
4G स्पेक्ट्रम के लिए 2021 की नीलामी में रिलायंस जियो ने अपनी जमा राशि का 77.9 फीसदी इस्तेमाल किया जबकि एयरटेल ने 87.7 फीसदी का इस्तेमाल किया।
5G युग 4G से 10 गुना तेज और 3जी की तुलना में 30 गुना तेज होगा, जिससे लाखों लोगों को ऐसा अनुभव मिलेगा जो पहले कभी नहीं देखा गया।
(आईएएनएस/AV)