साइबर सुरक्षा (Cyber security) के क्षेत्र में कौशल अंतर को कम करने के लिए, माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) ने गुरुवार को भारतीय डेटा सुरक्षा परिषद (डीएससीआई), टाटा स्ट्राइव और आईसीटी ((ICT) अकादमी के सहयोग से अपने साइबर शिक्षा कार्यक्रम का विस्तार करने की घोषणा की।
कार्यक्रम का लक्ष्य साइबर सुरक्षा में करियर के लिए अगले तीन वर्षो में तकनीकी कौशल के साथ 45,000 महिलाओं और अयोग्य युवाओं तक पहुंचना और 10,000 शिक्षार्थियों को इंटर्नशिप या नौकरी के अवसर प्रदान करना है।
माइक्रोसॉफ्ट इंडिया (Microsoft India) में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी अधिकारी, डॉ रोहिणी श्रीवास्तव ने एक बयान में कहा, "साइबरशिक्षा के माध्यम से महिलाओं के निरंतर प्रशिक्षण और बाद में रोजगार के साथ, माइक्रोसॉफ्ट और उसके सहयोगी अगली पीढ़ी के सुरक्षा लीडर्स के निर्माण और भारत में एक जीवंत और विविध साइबर सुरक्षा कार्यबल सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"
साइबर सिक्योरिटी वेंचर्स के अनुसार, 2025 तक, वैश्विक स्तर पर 35 लाख साइबर सुरक्षा नौकरियां (jobs) खुलेंगी, जो आठ साल की अवधि में 350 प्रतिशत की वृद्धि का प्रतिनिधित्व करती हैं।
भारत में, साइबर सुरक्षा नौकरियों में 2028 तक 32 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है, फिर भी प्रतिभा पूल 42 प्रतिशत कम हो गया है।
डीएससीआई के पूर्व सीईओ रमा वेदश्री ने कहा, "पिछले चार वर्षो में, हमने देखा है कि यह कार्यक्रम महिलाओं के लिए साइबर सुरक्षा कौशल और रोज़गार (employment) प्रदान करके एक महत्वपूर्ण प्रभाव पैदा करता है।"
उन्होंने कहा, "हमें विश्वास है कि विशिष्ट क्षेत्रों के उद्देश्य से विशेष प्रशिक्षण के लिए साइबर शिक्षा का विस्तार कौशल अंतर को पाटने में मदद करेगा और संगठनों को उद्योग के लिए तैयार प्रतिभा प्रदान करेगा।"
माइक्रोसॉफ्ट और डीएससीआई द्वारा 2018 में शुरू किए गए साइबर शिक्षा कार्यक्रम ने 1100 महिलाओं को सफलतापूर्वक प्रशिक्षित किया है और कई प्रशिक्षण बैचों के माध्यम से 800 से अधिक महिलाओं को रोज़गार दिया है।
आईएएनएस/RS