न्यूजग्राम हिंदी: भारत (India) के दो शेयर बाजारों (Share Market) - बीएसई और एनएसई में कई दिनों की तेजी के बाद बुधवार को गिरावट का रुख रहा। बीएसई का सेंसेक्स मंगलवार को 62,969.12 पर बंद होने के बाद गिरावट के साथ 62,839.97 पर खुला। यह 62,876.77 अंक के उच्च स्तर को छूने के बाद 346.89 अंक की गिरावट के साथ 62,622.24 अंक पर बंद हुआ।
इसी तरह एनएसई का निफ्टी 50 मंगलवार को 18,633.85 अंक पर बंद होने के बाद 18,594.20 पर खुला। यह 18,603.90 के उच्च स्तर को छुआ और 18,534.40 अंक पर बंद हुआ।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज (HDFC Securities) के हेड ऑफ रिटेल रिसर्च दीपक जसानी के मुताबिक, कमजोर वैश्विक संकेतों से निफ्टी में गिरावट आई। एमएससीआई के पुर्नसंतुलन ट्रेडों के कारण एनएसई पर वॉल्यूम नवंबर 2020 के बाद से सबसे अधिक था।
जसानी ने कहा कि एशियाई बाजार में गिरावट रही और यूरोपीय शेयर बुधवार को दो महीने के निचले स्तर पर पहुंच गए, क्योंकि चीन के कमजोर आर्थिक आंकड़ों ने वैश्विक मंदी के बारे में चिंता जताई और कुछ प्रमुख यूरो क्षेत्र की अर्थव्यवस्थाओं में मुद्रास्फीति को कम करने के संकेतों से आशावाद का मुकाबला किया।
सरकारी ऋण चूक को टालने के सौदे पर अमेरिकी कांग्रेस के मतदान से पहले वैश्विक बाजार भी घबराए हुए थे।
सकल घरेलू उत्पाद (IANS)
तथ्य यह है कि निफ्टी दिन के निचले स्तर पर बंद नहीं हुआ, जो आश्वस्त करने वाला था। जसानी ने कहा कि निफ्टी अब निकट अवधि के लिए 18,641-18,432 बैंड में रह सकता है।
चॉइस ब्रोकिंग के इक्विटी रिसर्च एनालिस्ट ओम मेहरा ने कहा, "इस समय निफ्टी ऊंचे स्तर से बिकवाली का दबाव देख रहा है। एक बार जब यह 18,650 के स्तर पर बना रहता है, तो हम इसके 18,800-18,880 के स्तर तक पहुंचने की उम्मीद कर सकते हैं। हालांकि, रोजाना चार्ट में निफ्टी का मंदी का पैटर्न कम अवधि से संबंधित होगा।"
--आईएएनएस/PT