प्राधिकरण ने 9 अगस्त, 2024 को हितधारकों से सुझाव लेने के लिए 'टेलीकम्युनिकेशन (ब्रॉडकास्टिंग और केबल) सर्विसेज इंटरकनेक्शन (एड्रेसेबल सिस्टम्स) रेगुलेशन, 2017 और टेलीकम्युनिकेशन (ब्रॉडकास्टिंग और केबल) सर्विसेज डिजिटल एड्रेसेबल सिस्टम्स ऑडिट मैनुअल' के ऑडिट से संबंधित प्रावधानों पर एक कंसल्टेशन पेपर जारी किया था।
टेलीकॉम इंडस्ट्री बॉडी (Telecom Industry Body) ने प्रस्तावित फ्रेमवर्क पर 6 अक्टूबर, 2025 तक आम जनता से सुझाव मांगे हैं, जो 1 अप्रैल, 2026 से लागू होने वाला है।
संचार मंत्रालय (Ministry of Communications) के अनुसार, कमेंट्स इलेक्ट्रॉनिक रूप में ट्राई की सलाहकार (बी एंड सीएस) डॉ. दीपाली शर्मा और संयुक्त सलाहकार (बी एंड सीएस) सपना शर्मा को भेजे जा सकते हैं।
यह ऑडिट, अनुपालन और इंफ्रास्ट्रक्चर-शेयरिंग नियमों में बड़े बदलाव लाता है, जो टेलीविजन चैनलों के ब्रॉडकास्टर और डिस्ट्रीब्यूटर के बीच संबंध को नियंत्रित करते हैं।
संचार मंत्रालय के अनुसार, "कंसल्टेशन प्रॉसेस के आधार पर, टेलीकम्युनिकेशन (ब्रॉडकास्टिंग और केबल) सर्विसेज इंटरकनेक्शन (एड्रेसेबल सिस्टम्स) रेगुलेशन, 2017 में संशोधन का ड्राफ्ट जारी किया गया है। इस ड्राफ्ट रेगुलेशन का उद्देश्य सभी हितधारकों से प्रस्तावित संशोधनों पर सुझाव लेना है।"
प्रस्तावित बदलावों में अनिवार्य ऑडिट को कैलेंडर वर्ष के आधार से बदलकर वित्त वर्ष के आधार पर करना शामिल है।
डिस्ट्रीब्यूटर को हर साल 30 सितंबर तक ट्राई से मान्यता प्राप्त ऑडिटर या ब्रॉडकास्ट इंजीनियरिंग कंसल्टेंट्स इंडिया लिमिटेड (बीईसीआईएल) द्वारा प्रमाणित ऑडिट रिपोर्ट सभी ब्रॉडकास्टर के साथ साझा करनी होगी।
ऑफिशियल डॉक्यूमेंट्स (Official Documents) के अनुसार, पारदर्शिता बढ़ाने के लिए, डिस्ट्रीब्यूटर द्वारा ऑडिट शेड्यूल और नियुक्त ऑडिटर का नाम कम से कम 30 दिन पहले ब्रॉडकास्टर को बताया जाना जरूरी है। ड्राफ्ट में सटीक सब्सक्राइबर रिपोर्टिंग सुनिश्चित करने के लिए ब्रॉडकास्टर की निगरानी को भी मजबूत किया गया है।
ऐसे डिस्ट्रीब्यूटर जो 30 सितंबर की समय सीमा तक ऑडिट पूरा नहीं करते हैं, उन्हें जुर्माना भरना होगा। हालांकि, ट्राई के ड्राफ्ट में विवादों से बचने के लिए समय सीमा स्पष्ट करने का प्रस्ताव है।
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