पर्सनल डेटा (Personal Data) यानी लोगों की व्यक्तिगत जानकारी को सुरक्षित रखने के लिए लाएं जा रहे डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल (Digital Personal Data Protection Bill) को सरकार 2023 में संसद (Parliament) के बजट सत्र के दौरान संसद में पेश करने की तैयारी कर रही है।
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी (Ministry of Electronics and Information Technology (MeitY) राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल के ड्राफ्ट पर लगातार आ रहे लोगों और इससे जुड़े हितधारकों के सुझावों के बारे में बताते हुए कहा कि अगर कोई अच्छा और महत्वपूर्ण सुझाव आता है तो सरकार निश्चित तौर पर उसे अपने बिल में शामिल करेगी। उन्होंने बताया कि पर्सनल डेटा से जुड़े इस महत्वपूर्ण विधेयक को सरकार संसद में बजट सत्र के दौरान पेश करने की तैयारी कर रही है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस विधेयक में नागरिकों के अधिकार और प्लेटफॉर्म की जिम्मेदारी को स्पष्ट रूप से बताया गया है। इसके साथ ही विवाद सुलझाने के लिए संस्थागत व्यवस्था और छूट किसे मिले और किस ग्राउंड पर मिले इसके बारे में भी स्पष्ट तौर पर बताया गया है।
राजीव चंद्रशेखर ने आगे बताया कि इस बिल में डेटा प्रोटेक्शन को लेकर स्प्ष्ट प्रावधान किए गए हैं और इसका उल्लंघन या दुरुपयोग होने पर पीड़ित व्यक्ति डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड के पास ईमेल भेजकर शिकायत कर सकता है। दोष साबित होने पर ऐसी कंपनियों के खिलाफ पांच सौ करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि इस बिल में बिल्कुल नए स्टार्टअप्स को कुछ समय के लिए छूट दिए जाने का भी प्रावधान होगा ताकि बार-बार बिल में संशोधन की जरूरत न पड़े। इसके साथ ही कानून व्यवस्था, महामारी और आपदा की स्थिति में भी सहमति लेने के नियम में छूट मिलने का प्रावधान होगा। उन्होंने कहा कि मुख्यतौर पर इस तरह की शिकायत निजी क्षेत्र से ही आती है और इस बिल के कानून बन जाने पर निजी क्षेत्र में पर्सनल डेटा के दुरुपयोग पर पूरी तरह से रोक लग जायेगी। हालांकि यह कानून निजी और सरकारी दोनों ही सेक्टर पर लागू होगा।
आईएएनएस/PT